कांग्रेस महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है। सभापति को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले संसद सत्र के दौरान अपने भाषण में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
Filed a notice before the RS Chairman that PM Modi has breached the privilege of Smt. Sonia Gandhi ji & Sh. Rahul Gandhi ji by his derogatory, defamatory and insulting remarks about their surname.
Such below the belt remarks have no place in Parliament, least of all by the PM. pic.twitter.com/EXdwhyOyQG
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) March 17, 2023
मालूम हो कि फरवरी में संसद सत्र के दौरान मोदी ने गांधी परिवार के सदस्यों पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि, “मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो भाई, नेहरू जी का नाम हमसे कभी छूट जाता होगा और यदि छूट जाता है, तो हम उसे ठीक भी कर लेंगे…क्योंकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति नेहरू जी का सरनेम रखने से क्यों डरता है? क्या शर्मिंदगी है? नेहरू सरनेम रखने में क्या शर्मिंदगी है?….इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको मंजूर नहीं है, परिवार मंजूर नहीं है…”
मोदी ने आरोप लगाया था कि राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारों को गिराने के लिए इंदिरा गांधी ने अकेले अनुच्छेद 356 का 50 बार इस्तेमाल किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि, ‘मैंने किसी अखबार में पढ़ा था, मैंने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 600 सरकारी योजनाएं केवल गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं।”
पीएम के निशाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी थे।
वेणुगोपाल ने नोटिस में लिखा है कि, “प्रथम दृष्टया उपहासपूर्ण तरीके से की गई उपर्युक्त टिप्पणी न केवल अपमानजनक है, बल्कि नेहरू परिवार के सदस्यों – सोनिया गांधी और राहुल गांधी जो लोकसभा के सदस्य हैं, और विशेष रूप से श्रीमती इंदिरा गांधी के लिए अपमानजनक और मानहानिकारक भी है।”
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि, सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री का संसद में ये कहना कि गांधी परिवार के सदस्यों ने नेहरू सरनेम क्यों नहीं अपनाया, अपने आप में बेतुका है। प्रधानमंत्री उस दिन अच्छी तरह जानते थे कि बेटी बाप का सरनेम रख सकती है, बावजूद इसके उन्होंने जानबूझकर इस बात को लेकर मजाक बनाया।”
वेणुगोपाल ने आगे कहा कि, ‘इसके अलावा, पीएम मोदी के टिप्पणी का लहजा और भाव प्रकृति में अपमानजनक था। यह प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की एक अलग छवि गढ़ने का प्रयास था जो प्रधानमंत्री द्वारा उनके विशेषाधिकारों का हनन करता है और सदन की अवमानना के समान है।
बता दें कि साल 1978 में इमरजेंसी के बाद तत्कालीन गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। इस नोटिस के सदन में मंजूर होने के बाद इंदिरा गांधी को सदन से निष्कासित कर दिया गया था और उन्हें बाद में जेल भी जाना पड़ा था।