राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यालय के आठ अधिकारियों को संसद के उच्च सदन के अधिकार क्षेत्र के तहत विभिन्न स्थायी समितियों और अन्य संसदीय समितियों में नियुक्त किया है। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि समितियों में अध्यक्ष द्वारा अपने कर्मचारियों को नियुक्त करने की कोई प्रधानता नहीं रही है।
धनखड़ के ओएसडी राजेश एन नाइक, अखिल चौधरी, अभ्युदय सिंह शेखावत, दिनेश डी, कौस्तुभ सुधाकर भालेकर, निजी सचिव (पीएस) सुजीत कुमार, अतिरिक्त निजी सचिव (एपीएस) संजय वर्मा और वरिष्ठ पीएस अदिति चौधरी को उच्च सदन (राज्यसभा) के तहत कुल 12 समितियों और सभी आठ संसदीय स्थायी समितियों से जोड़ा गया है।
विपक्ष ने इसे एक “विचित्र कदम” बताया है। विपक्ष ने कहा कि इस कदम की कोई दूसरी मिसाल नहीं है। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि राज्यसभा के सभापति अपने निजी स्टाफ से इन अधिकारियों की नियुक्ति कर विभिन्न समितियों पर पैनी नजर रखने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व लोकसभा महासचिव पी श्रीधरन ने कहा कि नियुक्तियां “असामान्य” हैं क्योंकि संसदीय समितियों को आमतौर पर संसद सचिवालय के अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है और उन्हें उनके कौशल और डोमेन ज्ञान के आधार पर चुना जाता है।
उन्होंने कहा- “यह असामान्य है क्योंकि इन अधिकारियों को माननीय उपराष्ट्रपति के कार्यालय में व्यक्तिगत कर्मचारियों के रूप में नियुक्त किया जाता है, जबकि एक अलग शाखा है जो हाउस पैनल को सचिवीय सहायता प्रदान करती है”।
7 मार्च को जारी एक आंतरिक आदेश में कहा गया है, “निम्न अधिकारियों को उनके नाम के सामने उल्लिखित समितियों के साथ तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक संलग्न किया गया है।” आदेश के मुताबिक राजेश एन नाइक को कार्य मंत्रणा समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और गृह मामलों की स्थायी समिति से संबद्ध किया गया है। धनखड़ के पीएस सुजीत कुमार को आईटी प्रबंधन, विशेषाधिकार और वाणिज्य और विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर स्थायी समितियों के पैनल से जोड़ा गया है, जबकि भालेकर परिवहन, पर्यटन और नियम समितियों में हैं।
बता दें कि नई नियुक्तियों में राज्यसभा की सभी 12 समितियां और 8 विभाग-संबंधित स्थायी समितियां शामिल हैं। ये सभी पैनल राज्यसभा के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इन 20 पैनलों के अलावा, लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्यों वाली संयुक्त समितियाँ, तदर्थ समितियाँ और विशिष्ट मुद्दों पर गठित संयुक्त समितियाँ हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई नियुक्तियों के बाद ये अधिकारी अपनी संबंधित समिति की किसी भी बैठक में भाग ले सकेंगे।