उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार जमीन धंसने और घरों में दरारें पड़ने से लोग चिंतित है। एनडीआरएफ की एक और एसडीआरएफ की 4 टीम लोगों की मदद के लिए जोशीमठ पहुंच गई है। प्रभावित परिवारों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जोशीमठ में और उसके आसपास हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट सहित बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य से भूमि धंस सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और निरंतर बुनियादी ढांचों का विकास इस संकट का कारण है तो वहीं एक्सपर्ट्स मानते है कि प्राकृतिक और मानव गतिविधि, दोनों भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार हैं।
Joshimath land subsidence | Cracks observed on 603 buildings, 68 families relocated. #Uttarakhand pic.twitter.com/hoCBAvQzBY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने बताया है कि जोशीमठ को भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है और प्रभावित घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और इस समय नुकसान के स्तर को देखते हुए कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द निकालना होगा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें आ गई हैं, जो रहने लायक नहीं रह गई हैं। उनका कहना है कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है।
केंद्र और राज्य सरकार इस पूरी घटना पर नजर बनाए हुए है। जहां एक तरफ जोशीमठ संकट को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पीएम मोदी से बात की तो वहीं दिल्ली में पीएमओ ने एक हाई लेवल मीटिंग भी की। एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जोशीमठ जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। इनके अलावा बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी एवं NDRF के बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे। इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ के हालातों को लेकर पीएमओ को सभी जानकारी दी।
Principal Secretary to Prime Minister PK Mishra was apprised in the Joshimath review meeting that Government of India agencies and experts are assisting State Govt to prepare short, medium and long term plans. One team of NDRF and 4 teams of SDRF are already reached Joshimath.
— ANI (@ANI) January 8, 2023
Chief Secretary Uttarakhand briefed Prime Ministers Office from Joshimath during the review meeting chaired by Principal Secretary to Prime Minister PK Mishra.
— ANI (@ANI) January 8, 2023
रविवार को हुई बैठक में पीएमओ को जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और एक्सपर्ट शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म प्लान तैयार करने में राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं। पीएमओ ने कहा है कि एक साफ समयबद्ध पुनर्निर्माण योजना तैयार की जानी चाहिए. निरंतर भूकंपीय निगरानी की जानी चाहिए। इस अवसर का उपयोग करते हुए जोशीमठ के लिए एक जोखिम संवेदनशील शहरी विकास योजना भी विकसित की जानी चाहिए। पीएमओ की समीक्षा बैठक के बाद ये जानकारी दी गई है कि सेक्रेटरी बॉर्डर मैनेजमेंट और एनडीएमए सोमवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे।
Joshimath land subsidence | Secretary of Border Management and members of the National Disaster Management Authority to visit Uttarakhand tomorrow and assess the Joshimath situation.
— ANI (@ANI) January 8, 2023
बैठक में कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम इस मामले पर स्टडी करेगी और अपनी रिकमेंडेशन देगी।
रविवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने वहां परेशान लोगों से मुलाकात की और वर्तमान सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नई सरकार ने ड्रेनेज के काम को रुकवा दिया, बेहिसाब कंस्ट्रक्शन करवाने का भी आरोप लगाया।
If experts say that tunnels or other factors are the culprit, all of them should be stopped & things should be taken up afresh.Committee of the locals should be formed, and with continuous consultation with everyone, improvements should be made: Former Uttarakhand CM Harish Rawat pic.twitter.com/SSDbGCjR3U
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अधिकारियों के साथ बैठक की है और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए नियमों में ढील देने को कहा है। उत्तराखंड सरकार ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) और देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए जोशीमठ क्षेत्र का अध्ययन करने और फोटो के साथ विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का अनुरोध किया है।