दिल्ली शराब घोटाला मामले में जांच एजेंसी ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दायर कर दी है। ED की चार्जशीट में 12 अभियुक्तों के नाम शामिल हैं, इनमें 5 गिरफ्तार आरोपी (विजय नायर, शरथ रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमित अरोड़ा) और कंपनियों के नाम हैं। ED की इस चार्जशीट में भी मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है. ED ने कोर्ट को बताया कि आगे की जांच जारी है।
ED files the second chargesheet in Delhi Liquor excise policy case, in Rouse Avenue Court. 12 accused's names mentioned in the chargesheet – 5 arrested persons (Vijay Nair, Sharath Reddy, Binoy Babu, Abhishek Boinpally, Amit Arora) & 7 companies. Further investigation is ongoing. pic.twitter.com/yHX4cfd1ba
— ANI (@ANI) January 6, 2023
दरअसल, ED ने शुक्रवार को कोर्ट में पांच लोगों और सात कंपनियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया। इस घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। हालांकि ईडी ने आरोप पत्र में आरोपी के रूप में सिसोदिया का नाम नहीं लिया है। ये सप्लीमेंट्री चार्जशीट स्पेशल जज एम. के. नागपाल के समक्ष दायर की गई। ED द्वारा दायर की गई यह दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट है, जो मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है। पहली चार्जशीट पिछले साल नवंबर में दायर किया गया था। मामले में अब तक गिरफ्तार लोगों सहित कुल 12 को इस चार्जशीट में नामजद किया गया है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी ED को 6 जनवरी तक का समय देते हुए पूरक आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। ईडी के पहले आरोप पत्र में आरोपी समीर महेंद्रु का नाम था। वहीं, पूरक आरोप पत्र में पहले से ही गिरफ्तार विजय नायर शरद रेड्डी, अभिषेक बोईंपल्ली, विनय बाबू और अमित अरोड़ा को दोषी बनाया गया है। कोर्ट जल्द पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेकर आरोप तय करने की प्रक्रिया चालू कर सकता है।
ED ने कोर्ट में 1,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें समीर महेंद्रू को आरोपी बनाया गया है। वहीं, CBI की तरफ से 10,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई है, जिसमें विजय नायर समीर महेंद्र समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
जांच एजेंसी ED के वरिष्ठ अधिकारियों की अगर मानें तो उनके मुताबिक़ मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच जारी है। नियम के मुताबिक गिरफ्तारी के 60 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर आरोपित को जमानत मिलने का प्रविधान है। नवंबर के पहले सप्ताह में इन आरोपियों की गिरफ्तारी को देखते हुए 6 जनवरी तक चार्जशीट दाखिल किया जाना अनिवार्य था, वरना आरोपियों को जमानत मिल जाती।
चार्जशीट में नाम न होने का क्या है मतलब?
पहले और दूसरे चार्जशीट में अगर किसी आरोपी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे जांच एजेंसी से “क्लीनचिट “मिल गई है। इसका मतलब है कि जांच जारी है।