नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में राजस्थान के कानून मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान में न्यायालयों और सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध है तथा राज्य सरकार न्यायालयों के आधारभूत संरचना के सुधार तथा उनसे जुड़ी हुई सभी तरह की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि न्यायालयों से संबंधित आधारभूत संरचना में सुधार और अन्य सुविधाओं के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी का अनुपात 60ः40 का होता है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राजस्थान हाईकोर्ट के 580 करोड़ के आधारभूत संरचना सुधार संबंधित वित्तीय प्रस्ताव पर जल्द कार्यवाही करते हुए केंद्र सरकार को अपनी हिस्सेदारी का 60 फीसदी अनुपातिक धनराशि तुरंत जारी करनी चाहिए ताकि राजस्थान के कोर्ट में कोर्ट रूम, न्यायाधीशों के लिए आवास तथा अन्य आधारभूत संरचना का विकास किया जा सके। उन्होंने बताया कि केंद्र को भेजे गए इस प्रस्ताव के एवज में अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से सिर्फ 41 करोड़ रुपए ही राज्य सरकार को दिए गए हैं, जो कि नगण्य है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पूरे राज्य में 57 पाॅस्को अदालतें खोली है, जिनमें से 45 अदालतों का ही पैसा केंद्र सरकार ने राज्य को दिया है। शेष धनराशि केंद्र सरकार को जल्द जारी करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य स्थित न्यायालयों में आधारभूत संरचना के सुधार के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि पहले राजस्थान में 580 कोर्ट रूम थे, जो अब बढ़कर करीब 970 हो चुके हैं। इसी तरह राजस्थान में पहले न्यायाधीशों के लिए आवासीय भवन 526 थे जो अब 927 हो चुके हैं।
धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार न्यायाधीशों के लिए आवासीय सुविधाओं और कोर्ट रूमों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ न्यायालय परिसरों के भवनों के आधुनिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिर भी केंद्र सरकार को अपने हिस्से का पैसा राज्य सरकार को समय पर रिलीज करना चाहिए, ताकि राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त भार नही पड़े।
इस संयुक्त सम्मेलन राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एम.एम.श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।