प्रयागराज: भारतीय जनता पार्टी ने शहर उत्तरी विधानसभा सीट से सस्पेंस खत्म करने के साथ वर्तमान विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। रविवार रात पार्टी ने हर्ष बाजपेयी को शहर उत्तरी विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं दूसरी ओर कोरांव विधानसभा सीट से पार्टी ने पूर्व में घोषित आरती कोल का टिकट काटकर वर्तमान विधायक राजमणि कोल को एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। पिछले चुनाव में कोरांव से राजमणि कोल जिले की 12 विधानसभा सीट में से सर्वाधिक मत से चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी बने थे। शहर उत्तरी विधानसभा सीट भाजपा के टिकट हर्षवर्धन बाजपेयी ने वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेसी विधायक अनुग्रह नारायण सिंह को शिकस्त दी थी। उससे पूर्व वर्ष 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव हर्ष बाजपेयी ने बसपा के टिकट पर लड़ा था। हालांकि इन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इस बार शहर उत्तरी से हर्ष के अलावा पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी की बहु कविता यादव त्रिपाठी, डा. एलएस ओझा, राधाकांत ओझा, कुंज बिहारी मिश्र आदि का नाम टिकट के दावेदारों में शामिल था। रविवार की देर शाम तक उहापोह की स्थिति बनी रही, लेकिन अंत में हर्ष बाजपेयी ने बाजी मार ली।
प्रयागराज में मजबूत ब्राह्मण चेहरा देखते हुए पार्टी नेताओं ने हर्ष के नाम का अनुमोदन किया। चर्चा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी हर्ष के नाम पर अपनी सहमति जता दी। उनकी सहमति के बाद ही राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने रविवार को जारी लिस्ट में हर्ष बाजपेयी का नाम भी घोषित कर दिया।शहर उत्तरी विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी के टिकट को लेकर इस बार काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई थी। तीन फरवरी तक तय नहीं था कि पार्टी उन्हें टिकट देगी या नही। इस बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नामांकन के बाद प्रयागराज पहुंचे भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से हर्ष के पिता एवं पूर्व विधायक अशोक बाजपेयी की मुलाकात पार्टी कार्यालय में हुई।इस दौरान कई पार्षदों ने भी हर्ष को मजबूत प्रत्याशी बताने के साथ उनकी पैरवी की। इसी मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हर्ष को लेकर कोई निर्णय ले सकता है।