रायबरेली:शशांक सिंह। मुँह में राम बगल में छुरी कुछ ऐसा ही किया है रायबरेली के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने अभी 15 जनवरी को राम मंदिर निर्माण के लिए 1करोड़ 11 लाख 11हजार11सौ 11 रुपये दान दिया था, ट्रस्ट के सचिव चंपत राय को।
आज सुरेंद्र बहादुर सिंह का ठीक दसवें दिन एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो बार बालाओं के साथ कूल्हे मटकाते देखे जा सकते है। अब सवाल ये है कि क्या इस तरह की मानसिकता के लोग स्वस्थ्य कहे जा सकते है, उम्र 60 वे पड़ाव में और हरकते सड़क छाप की, समाज में इससे क्या संदेश जा रहा है, अभी कल ही बच्चियों के साथ होने वाली यौन हिंसा को लेकर एक फैसला आया जिसकी थू थू हो रही है वही दूसरी तरफ सुरेंद्र बहादुर सिंह जैसे लोग जो राम मंदिर और धार्मिक आयोजनों में चंदा दे रहे है इस तरह के अपराध को बढ़ाने वाले नहीं माने जाएंगे क्योंकि सवाल यहाँ मानसिकता का है।
ऐसे शख्स का नृत्य बालाओं के साथ नाचते-थिरकते का साक्ष्य मिल जाए तो उसके चरित्र का बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है। बीती 15 जनवरी को राममंदिर ट्रस्ट में एक करोड़ ग्यारह लाख ग्यारह हजार ग्यारह सौ रूपए का चेक राममंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय को सौपने वाले पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह उन्हीं शौकीन मिजाज धार्मिक लोगों में से हैं, जो धर्म की आड़ में मौज-मस्ती सब लेते हैं। रविवार को बार-बालाओं के साथ ठुमके लगाने का उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
जानकारी के अनुसार वायरल वीडियो
एक कर्ण छेदन प्रोग्राम का बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह भी शामिल हुए थे। जब वो यहां पहुंचे तो नृत्य बालाओं की डांस पार्टी चल रही थी। लोगों ने पूर्व विधायक को भी डांस के मंच पर चलकर ठुमके लगाने के लिए प्रेरित किया। इस पर कुछ देर बाद वो मंच पर पहुंच गए और ठुमके लगाने लगे। तब तक वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने मोबाइल से उनका वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। बस फिर क्या था उम्र के एक पड़ाव पर पहुंचने के बाद पूर्व विधायक के नृत्य करने वाले चरित्र पर चारों ओर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
बता दें कि पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह लालगंज के तेज गांव के रहने वाले हैं। गत 15 जनवरी को उन्होंने राममंदिर निर्माण के लिए राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के एक करोड़ 11 लाख 11हजार 11 सौ रुपये दान में दिए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि मैं जीवन में बहुत कुछ करना चाहता हूं इसलिए मैं जीना चाहता हूं। राममंदिर के लिए दान करना एक अलग सोच है और इतना बड़ा दान करना एक अलग सोच है। राम में हमारी आस्था है और राममंदिर निर्माण के लिए सैकड़ों वर्षों से लड़ाई लड़ी गई, मुकदमा चलता रहा अंत में आकर के फैसला आया राममंदिर के पक्ष में। अब राममंदिर उस स्थान पर बनेगा जहां पहले था। इसी के लिए हम दान देने जा रहे हैं। अगर छोटा-मोटा दान देने तो इतना बड़ा कार्यक्रम नही करते, उस धनराशि के सम्मान रखने के हिसाब से कार्यक्रम हो रहा। राममंदिर बड़ी चीज है इतिहास उसका गवाह होगा, वो इतना बड़ा है कि एक करोड़ रूपए उसके लिए कुछ नही है। हमने ये सुना की उत्तर प्रदेश मे अबतक 1 करोड़ रूपए दान दिया गया है, हमने इसलिए उसमे 11 लाख 11 हजार और बढ़ाकर दान दिया ताकि दान देने का भी मजा आए।