जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे की 2 दिसंबर को पाकिस्तान में मौत हो गई। रोडे को कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ा। सूत्रों ने यह भी कहा कि रोडे का अंतिम संस्कार पाकिस्तान में सिख रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार गुप्त रूप से किया गया था। भिंडरावाले खालिस्तान आंदोलन का पूर्व नेता था।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिले संकेतों के मुताबिक, लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पंजाब में भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
इसी साल अक्टूबर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद विरोधी एजेंसी की छापेमारी के बाद रोडे की संपत्तियों को जब्त कर लिया था। लखबीर सिंह पर गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 1967 की धारा 33 (5) के तहत मामला दर्ज किया गया था। लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान में छिपकर बैठा था और उसे आईएसआई का समर्थन प्राप्त था। पंजाब की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी थी कि इन्होंने पंजाब में आतंक मचाने के लिए कई स्लीपर सैल तैयार कर रखे थे, जिनका प्रयोग वे कभी भी कर सकते हैं। लखबीर सिंह रोडे पर दिल्ली में केस दर्ज था, जिस पर कोर्ट ने उसकी कुल जमीन का 1/4 हिस्सा जो 10 कनाल से ज्यादा बनता है, सील करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश कार्रवाई करते हुए एनआईए की टीम ने उसकी जमीन को सील करते हुए उस पर सरकारी बोर्ड लगा दिया था।
ये छापेमारी पंजाब के मोगा में की गई थी।
पंजाब के मोहाली में एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने इस साल की शुरुआत में मोगा में नामित आतंकवादी की जमीन जब्त करने का आदेश दिया था। एनआईए ने उस पर पंजाब भर में विस्फोट कराने के लिए पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स और विस्फोटकों की तस्करी करने का आरोप लगाया था। माना जाता है कि वह राज्य में प्रमुख हस्तियों की हत्या की साजिश में भी शामिल था।
उसके खिलाफ 2021 में पंजाब के फाजिल्का में टिफिन विस्फोट की साजिश रचने का मामला भी दर्ज किया गया था।
आतंकवाद-रोधी एजेंसी की कार्रवाई तब हुई जब वह 2021 और 2023 के बीच आतंक-संबंधी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए रोडे के खिलाफ छह मामलों की जांच कर रही थी। रोडे प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) का प्रमुख था और सरकार ने उसे आतंकवादी घोषित किया था।
