सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘हमारे बारह’ फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दिया और कहा कि उन्होंने फिल्म का टीज़र देखा और इसे “अपमानजनक” पाया। अदालत ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा, “हमने सुबह फिल्म का ट्रेलर देखा है और ट्रेलर में सभी संवाद आपत्तिजनक हैं।” इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि टीज़र “आपत्तिजनक सामग्रियों” से भरा था, शीर्ष अदालत ने इन आरोपों पर ध्यान दिया कि फिल्म इस्लामी आस्था, विशेष रूप से विवाहित मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक है।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि फिल्म भारत में इस्लामिक आस्था और विवाहित मुस्लिम महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक है। जबकि, फिल्म निर्माता का कहना था कि ये जनसंख्या नियंत्रण को लेकर है। जिस पर जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने आदेश दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फिल्म रिलीज करने के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि फिल्म का टीजर बहुत आपत्तिजनक है। कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म की रिलीज पर तब तक रोक रहेगी जब तक कि बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले पर फैसला नहीं ले लेता। इस फिल्म को लेकर पहले फिल्म के टाइटल को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद मेकर्स को फिल्म का नाम तक बदलना पड़ा। ट्रेलर रिलीज हुआ तो मामला ऐसा बिड़गा कि रिलीज के 24 घंटे बाद ही ट्रेलर को हटाना पड़ गया।
बता दें कि सिर्फ ‘हमारे बारह’ ही नही 2 और ऐसी फिल्में है, जिनको लेकर जमकर विवाद हो रहा है। एक तो फिल्म सुपरस्टार के बेटे की डेब्यू फिल्म है। दरअसल फिल्म हमारे बारह को 7 जून को रिलीज किया जाना था। लेकिन रिलीज से पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। लेकिन आगे चल कर अगली सुनवाई में कोर्ट ने फिल्म को रिलीज करने पर आदेश जारी कर दिए थे।
अदालत के इस फैसले के बाद मेकर्स और स्टार्स को लगा था कि अब उनकी मुसीबतें कम हो गई है। मेकर्स ने फिल्म की रिलीज की डेट 14 जून रखी। 13 जून को मेकर्स हमारे बारह के मुंबई और दिल्ली में प्रेस शो होस्ट करने वाले थे।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का कहना था कि बॉम्बे हाइकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में सीबीएफसी खुद पक्षकार है और उसकी ही कमेटी फ़िल्म की स्क्रीनिंग कैसे कर सकती है?
याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि सीबीएफसी इस फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए एक कमेटी बनाई थी। सीबीएफसी की कमेटी ने स्क्रीनिंग के बाद उस फिल्म के टीजर और उससे जुड़े कुछ हिस्सों को हटाने का सुझाव दिया था, जिसको हटा लिया गया था और उसके बाद हाइकोर्ट में इस फिल्म की रिलीज की अनुमति दी थी।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करते हुए, वकील फौजिया शकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने “अनुचित आदेश” के माध्यम से फिल्म की रिलीज पर लगी रोक हटा दी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा, “उच्च न्यायालय सीबीएफसी को एक समिति गठित करने का निर्देश नहीं दे सकता था क्योंकि सीबीएफसी मुकदमे में रुचि रखने वाली पार्टी थी।”
इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में अन्नू कपूर की ‘हमारे बारह’ को कर्नाटक में भी बैन कर दिया गया था।