नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून) को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। पहले खबर थी कि उनका शपथ ग्रहण एक दिन पहले यानी 8 जून को होगा। मोदी ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया था और शपथ समारोह से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना पत्र सौंप दिया। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के रूप में उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनसे नई सरकार के कार्यभार संभालने तक अपने पद पर बने रहने का आग्रह किया।
इसके अलावा, यह खबर भी आई कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू, जिनके रविवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की संभावना थी, अब 12 जून को शपथ लेंगे।
मोदी का शपथ समारोह सितारों से भरा होने वाला है क्योंकि मेहमानों की सूची में कई विदेशी नेता भी शामिल हैं। इनमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक समेत अन्य शामिल हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोकसभा चुनाव में 543 सीटों में से 293 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। इंडिया ब्लॉक ने एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों को झुठलाया और 234 सीटें जीतीं, जिसमें भाजपा के गढ़ उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे भाजपा संसदीय दल की बैठक होगी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इसके ठीक बाद एनडीए संसदीय दल की भी बैठक होगी जिसमें भाजपा और एनडीए के सभी सांसद शामिल होंगे। बैठक में एक बार फिर मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना जाएगा।
इससे पहले नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मोदी 2.0 कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की आखिरी बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने चुनाव परिणामों का जायजा लिया और नई सरकार के गठन से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की। बाद में शाम को, उन्होंने सरकार गठन के विवरण पर विचार-विमर्श के लिए एनडीए बैठक की भी अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री लगातार बनते आ रहे नरेंद्र मोदी पहली बार अब गठबंधन की सरकार चलाएंगे। एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लगातार तीसरी सरकार के लिए एक ऐतिहासिक जनादेश है जो भारत में 60 साल बाद मिला है। इस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि बिना वक्त गंवाए जल्द से ज्लद सरकार का गठन करना चाहिए।