विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) कभी भी भारत से बाहर नहीं रहा और लोगों को इसे भूलाना पड़ा है। ओडिशा के कटक में एक कार्यक्रम के दौरान पीओके के लिए भारत की योजनाओं पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “पीओके कभी भी इस देश से बाहर नहीं रहा है। यह इस देश का हिस्सा है। भारतीय संसद का संकल्प है कि पीओके पूरी तरह से भारत का हिस्सा है।” विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने “आजादी के शुरुआती वर्षों” के दौरान पाकिस्तान को इस क्षेत्र को खाली करने के लिए नहीं कहा, जिसके कारण “दुखद स्थिति” बनी रही।
एस जयशंकर ने कहा, “जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जो घर का जिम्मेदार संरक्षक नहीं है, तो बाहर से कोई चोरी कर लेता है।”
विदेश मंत्री ने कहा कि लोगों को ”पीओके के मुद्दे के बारे में भुला दिया गया” और इसे फिर से लोगों की चेतना में लाया गया है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा था कि भारत को पीओके पर कब्जा करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वहां के लोग खुद ही भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं। सिंह ने कहा, ”मुझे लगता है कि भारत को कुछ नहीं करना पड़ेगा। जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात बदले हैं, जिस तरह से क्षेत्र में आर्थिक प्रगति हो रही है और जिस तरह से वहां शांति लौटी है, मुझे लगता है कि पीओके के लोगों की ओर से मांग उठेगी कि उन्हें भारत में विलय कर लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”पीओके हमारा था, है और हमारा रहेगा।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे, लेकिन उन्होंने कोई समयसीमा नहीं दी।
एस जयशंकर ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 बहुत पहले ही हटा दी जानी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, “यह एक समस्या थी क्योंकि जब तक अनुच्छेद 370 जारी था, जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद, उग्रवाद, कभी-कभी मैं हिंसा के लिए समर्थन भी कहूंगा, की भावना पैदा हुई थी।”
जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था और इसे हटाना था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 जारी रहा क्योंकि कुछ लोगों का “निहित स्वार्थ था”।
वहीं जयशंकर ने यह भी कहा, “आतंकवाद को लेकर हमारी पहले जो पॉलिसी थी कि, जब 26/11 हुआ उसके बाद हमने कुछ नहीं किया, वह ज़माना अब गया। अब ‘मिशन फॉर ए नेशन’ मतलब विकसित भारत, सुरक्षित भारत और विश्व बंधू भारत।”
विदेश मंत्री ने भारत के विकास की बात करते हुए कहा, “10 साल पहले भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में दुनिया चिंतित थी। भारत की अर्थव्यवस्था की नाज़ुक श्रेणी के अंतर्गत आती थी और आज भारत टॉप-5 की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत है। दुनिया में कई देश हैं जिसकी कोविड के बाद रिकवरी नहीं हुई है लेकि भारत एक ऐसा देश है जो वापस से 7% की ग्रोथ रेट पर आया है।”