कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को नौकरी घोटाले के मामले में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएससीसी) द्वारा गठित स्कूल शिक्षकों के लिए 2016 के पूरे भर्ती पैनल को रद्द कर दिया। करीब 24,000 नौकरियाँ कोर्ट ने ख़ारिज कर दी हैं। सुनवाई के दौरान, जस्टिस देबांगसु बसाक और मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने कहा कि जिन स्कूल शिक्षकों को अवैध रूप से (खाली ओएमआर शीट) भर्ती किया गया था, उन्हें चार सप्ताह के भीतर अपना वेतन वापस देना होगा। इन शिक्षकों से पैसा वसूलने का जिम्मा जिलाधिकारी को सौंपा गया है।
कोर्ट ने प्रशासन को अगले 15 दिनों में नई नियुक्तियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस बीच, अदालत ने मामले में एक अपवाद की अनुमति दी। अदालत ने कैंसर पीड़िता सोमा दास को अपनी नौकरी बरकरार रखने की इजाजत दी।
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गांगुली ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंपी थी। उन्होंने ही पार्थ चटर्जी को भी सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश सुनाया था। इसके बाद पार्थ चटर्जी की गिरफ़्तारी हुई थी। अभिजीत गांगुली अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं और तमलूक लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार भी हैं।
दरअसल जॉब के लिए गठित पैनल पर 5 से 15 लाख रुपये तक का घूस लेने का आरोप है। इस मामले में कई बड़ी गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके सहयोगियों के ठिकाने से करोड़ों रुपये भी बरामद किए गए थे।
रद्द किए गए भर्ती पैनल में बंगाल के विभिन्न राज्य-सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 2016 में डब्ल्यूबीएससी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से नियुक्त शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सभी नियुक्तियां शामिल हैं।
पीठ ने भर्ती प्रवेश परीक्षा की 23 लाख ओएमआर शीट (टेस्ट पेपर) के पुनर्मूल्यांकन का भी आदेश दिया।
अदालत ने सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में मामले में आगे की जांच करने और तीन महीने में एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।
WBSSC को नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है।
मालूम हो कि 24,000 से अधिक रिक्त पदों के लिए WBSSC द्वारा आयोजित 2016 राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) के लिए 23 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए थे।