दिल्ली शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े मामले में सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति मामले के संबंध में पूछताछ के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के साथी नेताओं और मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया। जांच एजेंसी के अनुसार, आप सुप्रीमो ने उन्हें बताया कि “विजय नायर उन्हें नहीं बल्कि आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे और विजय नायर के साथ उनकी (केजरीवाल) बातचीत सीमित थी।”
विजय नायर आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी हैं और शराब नीति मामले के आरोपियों में शामिल हैं। उनकी कथित संलिप्तता पार्टी के संचार प्रभारी के रूप में उनके कार्यकाल से जुड़ी है, जो उस अवधि के साथ मेल खाती है जिसमें कथित घोटाला सामने आया था।
गौर करने वाली बात ये है कि जब ईडी अदालत को यह बता रही थी तो केजरीवाल ने इसका खंडन तक नहीं किया और चुप्पी साधे रखी। उस वक़्त सौरव भारद्वाज भी कोर्ट रूम में ही मौजूद थे। अपना नाम सुनकर सौरभ एकदम चौक गए और उन्होंने अपने साथ खड़ी सुनीता केजरीवाल की तरफ देखा। सुनीता ने भी सौरभ की तरफ देखा।
जब मीडिया ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में आतिशी से मामले में उनका नाम आने के बारे में पूछा, तो उन्होंने सवाल को नजरअंदाज कर दिया और चलती बनीं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों द्वारा जांच की जा रही यह मामला अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा शराब नीति के निर्माण के दौरान कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।
अपने आरोप पत्र में ईडी ने नायर पर ‘साउथ ग्रुप’ के लिए बिचौलिए के रूप में काम करने का आरोप लगाया, जिसने कथित तौर पर दिल्ली में शराब के खुदरा कारोबार में प्रवेश पाने के लिए केजरीवाल सरकार को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
ईडी के मुताबिक आरोपी समीर महेंद्रू ने जांच एजेंसी के अधिकारियों को बताया कि नायर ने केजरीवाल के साथ उनकी मुलाकात तय की थी, लेकिन जब बात नहीं बन पाई तो उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए उनकी मुख्यमंत्री से बात कराई।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है, “वीडियो कॉल के दौरान, अरविंद केजरीवाल ने समीर से कहा कि नायर उनका लड़का है, वह उस पर भरोसा कर सकते हैं और उन्हें विजय के साथ रहना चाहिए।”
नायर को पहले मामले के सिलसिले में सीबीआई और ईडी ने गिरफ्तार किया था, और वर्तमान में जेल में बंद है।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, नायर को एक बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। जांच एजेंसी की जांच में केजरीवाल के साथ उनकी मिलीभगत की ओर इशारा किया गया है।
अरविंद केजरीवाल के अलावा आप के वरिष्ठ नेता सत्येन्द्र जैन, मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है और फिलहाल वे सलाखों के पीछे हैं।
सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल पूछताछ के दौरान असहयोग कर रहे थे।
जांच एजेंसी ने अपने आवेदन में कहा, “अरविंद केजरीवाल इस सवाल का जवाब देने से बचते रहे कि नायर ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में काम करने वाले लोगों की जानकारी न होने का दावा करके नायर ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से काम क्यों किया।”
एजेंसी ने कहा, “उन्होंने डिजिटल उपकरणों के पासवर्ड का खुलासा नहीं किया… उनका आचरण पूरी तरह से असहयोगात्मक था। वह अपना फोन नहीं दे रहे हैं और गोल-मोल जवाब देकर जानबूझकर जांच को गुमराह कर रहे हैं।”
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और तब से वे जांच एजेंसी की हिरासत में थे। अब सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।