कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की पार्टी की मांग को पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अनादर करने के रूप में गलत समझा जा सकता है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में जी-23 समूह के एक प्रमुख सदस्य आनंद शर्मा, जिन्होंने 2019 के चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव का आह्वान किया था, ने कहा कि जाति जनगणना बेरोजगारी और मौजूदा असमानताओं के लिए “रामबाण” या समाधान नहीं हो सकती है।
अपनी बात रखने के के लिए आनंद शर्मा ने इंदिरा गांधी की 1980 की टिप्पणी ‘ना जात पर ना पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर’ का हवाला दिया। उन्होंने जातिवाद पर राजीव गांधी की टिप्पणी का भी हवाला दिया – “हमें समस्या है अगर जातिवाद को संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक कारक बनाया जाएगा”।
अनुभवी नेता ने कहा, “ऐतिहासिक पद से हटना चिंता का विषय है… इस पर विचार करने की जरूरत है। मेरी विनम्र राय में, इसे इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अनादर करने के रूप में गलत समझा जाएगा।”
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उन्होनें आगे कहा, “एक समावेशी दृष्टिकोण वाली पार्टी के रूप में, कांग्रेस को राष्ट्रीय सर्वसम्मति के निर्माता के रूप में अपनी भूमिका को पुनः प्राप्त करने और एक सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए। पार्टी की स्थिति की अभिव्यक्ति संतुलित होनी चाहिए और क्षेत्रीय और जाति-आधारित संगठनों के कट्टरपंथी रुख से बचना चाहिए।”
शर्मा के बयान पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, ”यह पार्टी हर भारतीय की है। जाति जनगणना के आधार पर हम सभी वर्गों के लिए नीतियां बना सकेंगे। हमने कोई जाति आधारित राजनीति नहीं की है। सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पार्टी में लोकतंत्र है।”
वहीं बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, ”कांग्रेस ही कांग्रेस को बेनकाब कर रही है और गांधी-वाड्रा को आईना दिखा रही है और उन्हें उनका असली चेहरा और पाखंड दिखा रही है। केवल चंद वोटों के लिए देश को बांटने के लिए, जिसके लिए वे कभी प्रतिबद्ध नहीं हैं क्या यह तथ्य नहीं है कि आनंद शर्मा ने उसे उद्धृत किया? जाति जनगणना को पंडित नेहरू ने रोक दिया था, और मंडल आयोग का इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने विरोध किया था। उनका नारा था ‘जात पर एक पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर’। यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी को यू-टर्न लेने, पाखंड दिखाने या अपने पूर्ववर्तियों द्वारा कही गई बातों का अनादर करने के लिए एक्सपोज़ गया है। यहां तक कि अखिलेश यादव जैसे उनके सहयोगियों ने भी बार-बार उनके पाखंड को उजागर किया है।”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “आनंद शर्मा वरिष्ठ नेता हैं। वह सीडब्ल्यूसी के सदस्य भी हैं। इसलिए अगर उन्हें कोई चर्चा करनी हो तो वह वहां कर सकते हैं।”
यह घटनाक्रम कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में आने पर देश में जाति जनगणना कराने के पार्टी के संकल्प को कई मौकों पर रेखांकित करने के बीच आया है।
मालूम हो कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सभी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का आकलन करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभ्यास आयोजित किया जाएगा।