फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने राजनीति में प्रवेश की घोषणा की है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने आगामी आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में पीथापुरम निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। वर्मा ने अपने एक्स हैंडल से राजनीति में एंट्री की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा लिखा है, मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं पीठापुरम से चुनाव लड़ रहा हूं। हालांकि, उन्होनें यह नहीं बताया कि वह चुनाव में किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे।
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तेलुगु देशम पार्टी-भारतीय जनता पार्टी-जेना सेना गठबंधन की ओर से लोकप्रिय अभिनेता और जेएसपी प्रमुख पवन कल्याण पीथापुरम सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राम गोपाल वर्मा ने यह ऐलान किया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में पीथापुरम में फिल्मी जगत की दो हस्तियों पवन कल्याण और राम गोपाल वर्मा के बीच मुकाबला होगा।
रामगोपाल वर्मा ने राजनीति में उतरने का ऐलान ऐसे वक्त पर किया है, जब राज्य में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार है और मुख्य विपक्षी दल टीडीपी ने एनडीए में वापसी करते हुए बीजेपी और जनसेना से गठबंधन किया है।
पीथापुरम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में है। यह शहर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है और वर्तमान में इसका प्रतिनिधित्व वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विधायक दोराबाबू पेंडेम कर रहे हैं।
पवन की जन सेना पार्टी ने राज्य और लोकसभा चुनावों के लिए चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और भाजपा के साथ गठबंधन बनाया है।
पवन कल्याण की घोषणा उनकी पार्टी द्वारा आगामी लोकसभा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा और चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ सीट-बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप देने के कुछ दिनों बाद आई।
कल्याण की जन सेना पार्टी विधानसभा चुनाव में कुल 175 सीटों में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि टीडीपी 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
जहां तक राम गोपाल वर्मा की बात है, तो वह हिंदी और तेलुगु सिनेमा में अपनी राजनीतिक और गैंगस्टर-थीम वाली फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्मों में ‘सत्या’ (1998), ‘कंपनी’ (2002), ‘सरकार’ (2005), ‘रंगीला’ (1995), और ‘भूत’ (2003) समेत कई अन्य फिल्में शामिल हैं।