पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेशखाली मुद्दे पर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि घटना “घटित होने के लिए बनाई गई” और बीजेपी इस घटना को तिल का ताड़ बना रही है। संदेशखाली में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया है। बनर्जी ने कहा, “एक घटना घटी। इसे घटित होना ही था। सबसे पहले ईडी गई। फिर उसकी मित्र बीजेपी वहां गई। कुछ मीडिया भी वहां गए और वे बात का बतंगड़ बना रहे हैं। वे यहां शांति भंग करने और आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।”
बनर्जी ने कहा कि अभी तक किसी महिला ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। कानून को अपना काम करने दीजिये। ट्रायल से पहले कई लोग खूब बातें कर रहे हैं। मैंने पुलिस से अपनी पहल पर मामला दर्ज करने को कहा है।’
बनर्जी की यह टिप्पणी संदेशखली में कथित जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक टीएमसी नेता शिबा प्रसाद हाजरा को रविवार को उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत द्वारा आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने के बाद आई है।
दिल्ली में बीजेपी के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भी संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाया। बीजेपी के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण में भी संदेशखाली का जिक्र आया। सत्र में जो राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये, उसमें संदेशखाली की घटना को स्वाधीन भारत की भयंकर घटना करार दिया।
बीजेपी से पेश किये गए राजनीतिक प्रस्ताव में संदेशखाली की घटना का उल्लेख किया गया है। बीजेपी का कहना है कि सारे भयानक आरोप संदेशखाली से आ रहे हैं। आजाद भारत में ऐसी हृदय विदारक घटना पहले कभी नहीं सुनी गई। यह न केवल पश्चिम बंगाल के लिए शर्म की बात है, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए शर्म की बात है। प्रस्ताव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल पर निशाना साधते हुए घटना की कड़ी निंदा की गई। यह भी मांग की गई है कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। दूसरा प्रस्ताव, बीजेपी के शीर्ष नेताओं में से एक और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया। शाह के प्रस्ताव में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल भाजपा कार्यकर्ताओं को आतंकित कर रही है। हिंसा फैलाकर विपक्षियों का मुंह बंद किया जा रहा है। संदेशखाली में एक मार्मिक घटना घटी। अमित शाह ने संदेशखाली घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि इंडिया अलायंस की पार्टियां हिंसा की राजनीति कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, “संदेशखाली की घटना हाल के दिनों की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है और पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। महिला सुरक्षा राज्य में एक बड़ी चुनौती है और जो लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं वे ही व्यवधान पैदा कर रहे हैं।” दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट में संदेशखाली को लेकर दायर मामले की सोमवार को सुनवाई होगी। इस बीच, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर संदेशखाली कांड को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।
संदेशखाली घटना: ताजा घटनाक्रम ये हैं-
बनर्जी ने कहा कि वह टीएमसी नेताओं द्वारा यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों को संबोधित करने के लिए अधिकारियों को संदेशखाली भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी की जमीन ली गयी है तो उसे वापस किया जायेगा।
उन्होनें कहा, “मैंने कभी भी अन्याय का समर्थन नहीं किया है। किसी महिला ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। मैंने पुलिस से मामला दर्ज करने के लिए कहा। हमारे ब्लॉक अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे मामलों में कितने भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया गया है?”
भाजपा ने बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया और उन्हें ”निराधार” बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। सच्चाई यह है कि टीएमसी और राज्य सरकार के अधिकारी, चाहे वह पुलिस हो या स्थानीय प्रशासन, स्थानीय लोगों पर अत्याचार करते समय एक साथ थे। यह पश्चिम बंगाल की सच्ची तस्वीर है।”
स्थानीय टीएमसी नेताओं द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ अत्याचार और महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक सप्ताह के विरोध प्रदर्शन के बाद तीन मंत्रियों सहित एक टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली का दौरा किया।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा सोमवार को संदेशखाली पहुंची।
पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख मजूमदार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 मार्च को उत्तर 24 परगना जिले के मुख्यालय में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं, जहां संदेशखाली स्थित है। गौरतलब है कि यह रैली अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले आयोजित की जाएगी।
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने टीएमसी के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। शेख कथित तौर पर उससे जुड़ी भीड़ द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला करने के बाद से फरार है, जो 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में उसके परिसर की तलाशी लेने गए थे।
बढ़ते सार्वजनिक असंतोष के बीच, टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली में स्थानीय लोगों से बात की, और “किसी भी गलत काम के खिलाफ शून्य सहिष्णुता” बनाए रखने की टीएमसी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल वरिष्ठ टीएमसी मंत्री सुजीत बोस ने भाजपा की आलोचना की और पूछा कि उत्तर प्रदेश और मणिपुर में उसकी सरकारों ने वहां अत्याचार के कथित मामलों में क्या कार्रवाई की है?