बिहार की राजनीति के लिए सोमवार का दिन बहुत अहम रहा। नीतीश सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। एनडीए सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े जबकि विपक्ष ने इससे पहले ही सदन से वॉकआउट कर दिया। कम से कम तीन राजद विधायकों ने दलबदल कर नीतीश कुमार को वोट दिया। सदन में बहुमत का आंकड़ा 122 है। इससे पहले सदन के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में पेश विश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि हम विकास का काम, लोगों के हित में काम करते रहेंगे। उन्होनें कहा, “2021 में सात निश्चय शुरू किया, आज कितना फायदा हुआ है. इसको हम सब जारी रखे हैं। बिहार का विकास होगा. समाज के हर तबके का ध्यान रखेंगे। इन लोगों का जो कुछ भी होगा। हम इन लोगों को इज्जत दिए थे और हमें पता चला कि ये लोग कमा रहे हैं। आजतक जब ये पार्टी हम लोगों के साथ थी, कभी इधर उधर नहीं किया। अभी भी आप एक ही जगह सबको रखे हुए थे। कहां से पैसा आया, हम सब जांच करवाएंगे और याद रखिएगा, आप लोगों की पार्टी ठीक नहीं कर रही है, गौर कर लीजिएगा। इधर वाला सब आपका साथ देगा। आपको जब कोई समस्या हो, आकर मिलिएगा और आपकी समस्या का समाधान हम करेंगे। हम सबका ख्याल रखेंगे। लेकिन राज्य के हित में काम कर रहे हैं, राज्य के हित में काम होगा। हम ही तीन लोग साथ रहेंगे और तीनों काम करेंगे।
उन्होनें कहा, 2005 से बिहार में हमने काम करना शुरू किया। 2005 से पहले कोई बिहार से बाहर नहीं निकलता था। हमने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया। अब हम अपनी पुरानी जगह आ गए हैं।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, मैं सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करता हूं। तेजस्वी जी से कहना चाहता हूं कि संगति बहुत महत्वपूर्ण चीज है। जिसके साथ में हम रहेंगे तो जरूर हमारी मानसिकता में कहीं न कहीं गड़बड़ी आ जाएगी। निश्चित रूप में इस प्रकार के हमारे तेजस्वी और उनके साथी लोग हैं और बिहार में 2005 के पहले की स्थिति पैदा कर रहे थे। भाई 2005 के पहले की स्थिति नहीं आने दूंगा। इसके लिए हम उनका धन्यवाद देते हैं। वो स्थिति नहीं आए, इसके लिए उन्होंने बदला है और एनडीए का साथ आए हैं।
राजद नेता तेजस्वी ने कहा, नीतीश कुमार ने हमें पहले भी आशीर्वाद दिया था कि अब यही आगे बढ़ेगा। हम मानते हैं कि हम वनवास नहीं आए हैं। नीतीश जी ने हमें कहा था कि बीजेपी वाला ईडी-सीबीआई लगाकर फंसाने का काम करते हैं। आखिर क्या ऐसा हुआ कि आपको ये निर्णय लेना पड़ा। आपने बोला था कि हमने एनडीए को इसलिए छोड़ा था क्योंकि हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया था। आपने कहा था कि हम लोगों का एक ही लक्ष्य है कि देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करना है।
तेजस्वी ने कहा कि क्या कारण है, कभी इधर-कभी उधर है। आपने ही कहा था कि आपके बाप से पैसा लाएगा जो रोजगार देगा। हमने वादा किया था कि खाली पड़े हुए पदों को भरेंगे। जो खाली पद पड़े थे, हमारी गठबंधन सरकार ने भरने का काम किया। हम आपके साथ नहीं आना चाह रहे थे, लेकिन देशभर के नेताओं का दबाव है कि एक बार 2024 के चुनाव में एकजुट हो जाएं मोदी जी हराने का काम करें।
सम्राट चौधरी की पगड़ी को लेकर तेजस्वी ने कहा कि उन्हें हमारे चाचा ने सलाह दी होगी कि पगड़ी उतार लें। सम्राट चौधरी के पिता हमारे दल में रहे हैं। उन्होंने नीतीश जी के बारे में क्या कहा है, वो हम बताना नहीं चाहते हैं। बिहार के बच्चों से पूछ लो कि वो क्या क्या शब्द का इस्तेमाल करेंगे वो हम नहीं बोल सकते हैं। उन्होंने कहा, मोदी जी गारंटी लेंगे क्या नीतीश जी नहीं पलटेंगे?
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि आपको मुझे बता देना चाहिए था कि आप हमें छोड़कर जाने जा रहे हैं। 2020 में हमने महागठबंधन बनाया था, लेकिन हमारे गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा, जो झंडा आप उठाकर चले थे कि मोदी को देश में रोकना है, अब आपका भतीजा झंडा उठाकर मोदी को बिहार में रोकने का काम करेगा।
आरजेडी नेता ने कहा कि हम बोले थे कि अगर हम आपके साथ आएंगे, आप विश्वास दिलाइए कि हमने जो वादा किया था कि 10 लाख नौकरी देंगे, उसके बाद सीएम ने कहा कि वित्त सचिव जा रहे हैं। वो आपको एक्सप्लेन कर देंगे। वो हमें फाइल दिखाते हैं, कैसे होगा। हमने बोल दिया किसी भी हालत में ये काम हमें करना है। आप असंभव बोल देते थे, लेकिन हमने 17 महीने में काम करके दिखाया। जो थके हुए मुख्यमंत्री थे, उनको हमने दौड़ाने का काम कराया है।
तेजस्वी ने नीतीश कुमार से पूछा कि सरकारी नौकरी का क्रेडिट क्यों न लें? उन्होंने कहा, पहले तो नौकरी नहीं मिलता था। आरजेडी के पास था शिक्षा विभाग तो क्रेडिट हम लोग क्यों न लें? हम आप लोगों को सचेत कर देते हैं। अगर आप लोग अभी सरकार में हैं तो काम करेंगे तो आप क्रेडिट नहीं लेंगे क्या बताइए।
तेजस्वी ने कहा, जीतनराम मांझी जी जब आप पर नीतीश कुमार गुस्सा हुए तो उन्होंने कहा था कि पता नहीं नीतीश जी को कोई क्या खिला देता था। हम तो चिंता की बात रख रहे हैं कि आपको अगर चिंता है तो बगल में कमरा लेकर दवा कीजिए।
उन्होंने कहा, समय आएगा तो तेजस्वी आएगा। चेतन मेरा छोटा भाई, उसके लिए आपने कुछ नहीं किया तो हमने टिकट देकर जिताने का काम किया। उनके पिता के नहीं चेतन के काम पर दिया। बिहार को आगे ले जाने के लिए हम युवाओं को आगे करते हैं। वहीं नीलम जी के पाला बदलने पर कहा, हम उनके निर्णय का स्वागत करते हैं।
तेजस्वी ने कहा, अब आपकी सरकार बनी है। हम यह कहना चाहते हैं कि आपकी सरकार से हमारी मांग है पुरानी पेंशन को जरूर लागू कराइएगा। क्रेडिट हम आपको देंगे। केंद्र की योजना को कितना घटौती हुआ, वो याद आता है। कैबिनेट की मीटिंग में नीतीश जी आगबबूला हो जाते थे, वो जरूर लीजिएगा. जिसको भी स्वास्थ्य मंत्री बनाइएगा, बिहार के बाहर रहने वाले लोगों के लिए 5 लाख की योजना लागू करा दीजिए ताकि डबल इंजन की सरकार विशेष पैकेज मिले. कम से कम विशेष राज्य का दर्जा दिला दीजिए।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, मैं बता दूं कि पार्टी के नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी, हमने ईमानदारी से निर्वहन करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, जो व्यक्ति अपने आपको समाजवादी परिवार का कहते हैं, उनका ऐसा चरित्र नहीं होता है। समाजवाद का चरित्र ऐसा नहीं होता कि कथनी और करनी में अलग हो. सत्ता के लिए समझौता करने वाले लोग हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि वंशवाद के कारण विवश होकर इनकी प्रताड़ना हमने देखी है। लोगों का नेचर और सिग्नेचर नहीं बदलता है। कई विधायक ऐसे हैं, जिनमें क्षमता है, लेकिन उन्हें महत्व नहीं दिया गया।
इससे पहले अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा के स्पीकर पद से हटाने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पास हुई। इस प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। स्पीकर के खिलाफ पक्ष में 125 और विपक्ष में 112 वोट मिले।
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें है। NDA के पास 128 विधानसभा सदस्य हैं जिसमें बीजेपी के पास 78 सीटें, JDU के पास 45 सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के पास 4 सीटें और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी साथ हैं। जबकि विपक्ष के पास 114 विधायक हैं। इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीआई (एम) के 2, सीपीआई के 2 विधायक हैं।
फ्लोर टेस्ट से पहले, एनडीए ने फ्लोर टेस्ट जीतने का भरोसा जताया था और कहा था कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन में 127 विधायक हैं।
फ्लोर टेस्ट से पहले पटना में सियासी उठापटक देखने को मिली थी। आरजेडी, कांग्रेस समेत महागठबंधन में शामिल सभी विधायकों को पटना में तेजस्वी आवास पर रोका गया था, वहीं बीजेपी-जेडीयू विधायकों को चाणक्य होटल और पाटलिपुत्र होटल में रखा गया था।