पत्रकार निखिल वागले की कार पर कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उस समय हमला किया जब वह शुक्रवार रात पुणे में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रहे थे। वीडियो में देखा गया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार की विंडस्क्रीन और साइड शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया और उन्होंने वाहन पर स्याही भी फेंक दी। वागले ने आडवाणी को भारत रत्न देने की आलोचना की थी। उनकी इसी टिप्पणी को लेकर भाजपा कार्यकर्ता वागले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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इस घटना के बाद पुलिस के हस्तक्षेप करने से पहले विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) कार्यकर्ताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच एक संक्षिप्त विवाद हुआ।
बाद में कार्यक्रम स्थल पर वागले ने अपना भाषण देते हुए कहा, “मैं उन सभी को माफ करता हूं जिन्होंने मुझ पर हमला किया। मुझ पर पहले छह बार हमला किया गया है और यह सातवां था।”
उन्होंने कहा, “शिवाजी महाराज से लेकर शाहूजी महाराज से लेकर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर तक, सब कुछ हमारी परंपरा है। हमारे पास संतों की परंपरा है।”
वागले ने लोगों से आगामी चुनावों में महाराष्ट्र में एमवीए के लिए वोट करने के लिए भी कहा।
इससे पहले दिन में वागले के खिलाफ भाजपा नेता सुनील देवधर ने कथित तौर पर पीएम और आडवाणी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मामला दर्ज कराया था। देवधर की शिकायत पर आईपीसी की धारा 153-ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 500 (गैरकानूनी जमावड़ा) और 505 (उपद्रव का कारण) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, “सच्चाई की आवाज और पत्रकारिता के प्रतीक निखिल वागले पर हमले की कड़ी निंदा करती हूं। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। भाजपा शासन के तहत महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है। इस तरह के कृत्यों को चुपचाप सक्षम बनाना चिंताजनक है और इसके लिए कड़ी जवाबदेही की आवश्यकता है।”