कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने RBI द्वारा Paytm पर की गई कार्रवाई की बात करते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने Paytm के CEO विजय शेखर शर्मा और पीएम की कई तस्वीरें साझा की, उन्हें पीएम का बेहद करीबी इंसान बताया और नोटबंदी को जिक्र भी किया।
श्रीनेत ने कहा कि नोटबंदी के दो दिन बाद 10 नवंबर 2016 को देश के बड़े अख़बारों में PM मोदी की तस्वीर के साथ PayTm फुल कवर विज्ञापन देता है। इस विज्ञापन में नोटबंदी को मज़बूत निर्णय बताते हुए PM मोदी की तारीफ की गई थी। यही PayTm, PM मोदी पर बनी फिल्म की टिकट पर ₹200 तक का कैशबैक दे रहा था, जिसका प्रचार मोदी जी चुनावी रैली में भी कर रहे थे। PM मोदी के साथ सेल्फी लेने वाले शख्स का नाम विजय शेखर शर्मा है, जो PayTm के फाउंडर हैं। जिस नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, उस नोटबंदी को Paytm ने हमेशा जश्न की तरह मनाया और अपना IPO भी 8 नवंबर 2021 को ही लॉन्च किया।
कांग्रेस नेता ने कहा- ‘PayTm और उसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा पर मनी लाउंड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप खुद RBI ने लगाए गए हैं, जिसके कारण उनके Paytm पेमेंट बैंक को प्रतिबंधित कर दिया गया है। PM मोदी के बेहद करीबी विजय शेखर शर्मा ने लाइसेंस मिलते ही घपले करने शुरू कर दिए, इस कारण RBI ने इन्हें बार-बार दंडित भी किया। इतना होने के बाद भी PM मोदी इनका प्रचार-प्रसार करते रहे।’
उन्होंने आगे कहा कि RBI ने 35 करोड़ PayTm वॉलेट का निरीक्षण किया, जिसमें 31 करोड़ वॉलेट निष्क्रिय पाए गए। एक ही पैन कार्ड हजारों खातों से जुड़ा पाया गया। लाखों खातों का KYC नहीं हुआ। बैंक द्वारा लगातार झूठी अनुपालन रिपोर्ट दी जा रही थी। Paytm पर पहले भी अपना डेटा BJP के साथ साझा करने के गंभीर आरोप लग चुके हैं। इसके साथ ही RBI ने कई बार Paytm payment bank और PayTm के बीच ट्रांजेक्शन डेटा ट्रैफिक को लेकर चिंता जताई, लेकिन विजय शेखर शर्मा ने कोई कदम नहीं उठाया। Paytm ने नियम-क़ानून की खूब धज्जियां उड़ाईं, क्योंकि ‘जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का!’
श्रीनेत ने कहा, “RBI ने पेमेंट्स बैंक के शेयर होल्डिंग को लेकर भी चिंता जताई थी। जिसमें करीब 49% हिस्सेदारी Paytm कंपनी की है, जिसे लोग (वन97 कम्युनिकेशंस) के तौर पर भी जानते हैं। वहीं 51% हिस्सेदारी विजय शेखर शर्मा के पास थी। इससे यह साफ होता है कि एक व्यक्ति जिस तरह का भी निर्णय चाहे, ले सकता था। RBI की कार्यवाही की एक बड़ी वजह चीनी निवेश कंपनी का ज्यादातर निवेश Paytm में होना भी था। पहले अलीबाबा और आज भी Ant ग्रुप के पास करीब 10% साझेदारी है।”
कांग्रेस नेता ने कई सवाल भी उठाए-
-क्या PM मोदी के साथ मधुर संबंधों के चलते उनके चहेते उद्योगपति क़ानून को ताक पर रखने का काम करते हैं?
-इतने सारे उल्लंघनों के बाद भी Paytm payment bank को इतनी लंबी ढील क्यों दी गई?
-मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आक्षेप पर ED ने अब तक क्या कदम उठाए?
-Paytm ने BJP और PM Cares Fund में कितना चंदा दिया?
-क्या Paytm उस चंदे और PM मोदी से संबंधों के कारण अब तक बचता रहा?
-पहले अडानी और अब Paytm, जैसे मोदी जी के चहेतों के खिलाफ एजेंसियां शिथिल क्यों पड़ जाती हैं?
-क्या ED, 95% मामले राजनीतिक लोगों के खिलाफ करके संतुष्ट है?
-क्या Paytm के उपभोक्ताओं का डेटा गोपनीय है या फिर BJP के साथ शेयर हो रहा है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि 31 जनवरी की शाम को, RBI ने Paytm Payments Bank को 29 फरवरी के बाद कोई भी बैंकिंग गतिविधि करने से रोक दिया है- मतलब कोई राशि जमा नहीं होगी, कोई क्रेडिट लेनदेन नहीं, कोई वॉलेट टॉप अप नहीं, कोई बिल भुगतान नहीं, कुछ भी नहीं। RBI ने यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के तहत की है। ऐसा नहीं है कि Paytm पर अचानक गाज गिरी है। रिपोर्टों के मुताबिक़ जनवरी 2017 में लाइसेंस मिलने के एक साल बाद ही घपले और अनियमितताएँ सामने आनी लगीं थीं, जिसके बावजूद प्रधानमंत्री कंपनी का प्रचार प्रसार पैरवी कर रहे थे।