तृणमूल कांग्रेस के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री और आप नेता भगवंत मान ने राज्य में कांग्रेस और आप – दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन से इनकार कर दिया। बता दें कि कांग्रेस और आप विपक्षी ‘INDIA’ ब्लॉक में सहयोगी हैं। मान की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी के उस बयान के बाद आई है जिसमें तृणमूल प्रमुख ने कहा था कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ेगी।
बनर्जी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर और क्या आम आदमी पार्टी भी इसका अनुसरण करेगी, मान ने कहा, “पंजाब में, हम ऐसा कुछ भी (कांग्रेस के साथ गठबंधन) नहीं करेंगे। कांग्रेस के साथ हमारा कोई संबंध नहीं है।”
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उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर विजयी होगी।
इससे पहले, सूत्रों ने बताया था कि AAP के पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने आम चुनाव अकेले लड़ने के आप की पंजाब इकाई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि आप ने पंजाब में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है और साथ ही उन्होनें सबसे पुरानी पार्टी पर सीट बंटवारे को लेकर अड़ियल रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।
इससे पहले ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। टीएमसी सुप्रीमो ने आगामी चुनावों में अकेले लड़ने के अपने फैसले के लिए ब्लॉक के एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस के साथ सीट-साझाकरण वार्ता विफल होने का हवाला दिया।
बनर्जी ने कहा, “मैंने उन्हें जो भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने सभी को अस्वीकार कर दिया। तब से, हमने पश्चिम बंगाल में अकेले जाने का फैसला किया है।”
बनर्जी की यह घोषणा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद आई। चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना की थी, उन्हें अवसरवादी कहा था और कहा था कि पार्टी उनकी सहायता के बिना लोकसभा चुनाव लड़ेगी।
सूत्रों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश की, जिससे उनके बीच तनाव पैदा हो गया।