प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सात समन को नजरअंदाज करने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 20 जनवरी को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए सहमत हो गए हैं। जांच एजेंसी द्वारा आठवीं बार बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद सोरेन पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए सहमत हुए। सोरेन ने जांच एजेंसी से 20 जनवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय में उनका बयान दर्ज करने को कहा है।
दो दिन पहले ईडी ने सोरेन को 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच अपना बयान दर्ज कराने के लिए कड़ा संदेश भेजा था।
ईडी ने सोरेन से कहा था कि अगर वह ईडी कार्यालय जाने में असमर्थ हैं तो एजेंसी के अधिकारी मुख्यमंत्री से उनके रांची स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे। हालाँकि, यह स्पष्ट किया गया कि कार्यवाही के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। भू-माफियाओं ने झारखंड में अवैध तरीके से जमीन के मालिकाना हक में बदलाव किया और पूरी-पूरी जमीन हड़प ली है। जिसको लेकर ED जांच कर रही है। इस मामले में 14 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है जिसमें आईएएस अधिकारी छवि रंजन का नाम भी शामिल है। छवि रंजन समाज कल्याण विभाग के निदेशक के अलावा रांची उपायुक्त का पद भी संभाल चुके हैं।
इससे पहले सोरेन ने पहले केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करने का आरोप लगाया था।
यह मामला झारखंड में जमीन के अवैध स्वामित्व परिवर्तन से जुड़ा है। सोरेन से इस जमीन पर उनके कथित स्वामित्व के बारे में पूछताछ किए जाने की संभावना है। मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
झारखंड के सीएम ने ईडी की कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट और फिर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दोनों अदालतों ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
इस बीच, 3 जनवरी को 1,250 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू की संपत्तियों पर छापेमारी की गई।