प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले हफ्ते उत्तर 24 परगना जिले में छापेमारी के दौरान उसकी टीम पर हुए हमले को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। एक आधिकारिक बयान में, जांच एजेंसी ने कहा कि मामले में जांच एजेंसी ने आरोपियों पर गैर-जमानती अपराध के तहत शिकायत दी थी।
उक्त घटना में जांच एजेंसी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे और उनके वाहनों पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख के समर्थकों के एक बड़े समूह ने हमला किया था। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला तब हुआ जब वे कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में छापेमारी के लिए संदेशखली में शेख के घर गए थे।
जांच एजेंसी ने तब हमले पर एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत विभिन्न अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। प्रवर्तन निदेशालय के बयान में कहा गया है कि हालांकि नज़ात पुलिस स्टेशन ने मामले में एफआईआर दर्ज की है, लेकिन लगाए गए आरोप ज्यादातर जमानती और गैर-अनुसूचित अपराधों के तहत हैं।
ईडी टीम पर हमले पर अपना बयान में कहा कि 5 जनवरी को उत्तर 24 परगना के संदेशखली के टीएमसी नेता सहजहान शेख के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची थी। इसी दौरान ईडी टीम पर नेता के समर्थकों ने हमला कर दिया। इस संबंध में धारा 307, 333, 326, 353, 392, 395, 397, 149, 148, 186, 189, 426, 435, 440, 341, 342, 120बी, 109 और 115 तहत अपराध के लिए FIR दर्ज करने के लिए क्षेत्राधिकार पुलिस को शिकायत की गई है।
पश्चिम बंगाल के नजात थाना पुलिस ने एफआईआर नंबर, 09/2024 में ईडी की टीम पर हमले के लिए आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 186, 353, 323, 427, 379, 504, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।
जांच एजेंसी ने बताया कि उसे अभी तक पुलिस से एफआईआर की प्रति नहीं मिली है।
जांच एजेंसी ने यह भी उल्लेख किया कि उसी मामले में सिमुलतला बोनगांव में एक अन्य टीएमसी नेता शंकर आध्या के आवास पर की गई तलाशी के दौरान उसी रात एक अन्य टीम को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था।
बोनगांव पुलिस के साथ समय पर संचार और बाद में एसपी के साथ संपर्क के बावजूद, भीड़ आध्या के आवास के पास इकट्ठा हुई और ईडी टीम पर हमला किया, जिससे उनके वाहन को नुकसान पहुंचा। हालांकि ईडी अधिकारियों को कोई शारीरिक चोट नहीं आई, लेकिन एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है।
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इस मामले में भी एफआईआर कॉपी का इंतजार है।