पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की योजना बनाई जा रही है। मोइत्रा और उनके खिलाफ लगाए गए कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर बनर्जी की यह पहली टिप्पणी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हालांकि, मोइत्रा के प्रस्तावित निष्कासन से उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में मदद मिलेगी।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “उनकी (बीजेपी) योजना महुआ मोइत्रा को (लोकसभा से) हटाने की है। इससे उन्हें चुनाव से पहले और अधिक लोकप्रिय होने में मदद मिलेगी। वह जो अंदर (संसद) बोलती थीं, अब वह बाहर बोलेंगी।”
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पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अडानी समूह को निशाना बनाते हुए संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस पहले ही सांसद के समर्थन में सामने आ चुकी है। ममता के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने महुआ के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी और केंद्र के कदम को “प्रतिशोध की राजनीति” करार दिया था। उन्होंने भाजपा पर केंद्र सरकार की आलोचना करने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।
बनर्जी ने लोकसभा आचार समिति की बैठक से पहले कहा था, “जो कोई भी अडानी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछ रहा है उसे परेशान किया जा रहा है। मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही लोकसभा आचार समिति उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कैसे कर सकती है?”
लोकसभा आचार समिति ने सुनवाई के बाद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश की है, जिसमें पैनल के विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया था। विपक्षी सदस्यों ने पैनल के अध्यक्ष विजय सोनकर पर तृणमूल सांसद से निजी सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
मालूम हो कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस सदस्य के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को एक शिकायत भेजी थी, जिसमें उन पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी हीरानंदानी के इशारे पर सदन में प्रश्न पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।