प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेट एयरवेज के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत उसकी 538 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत जांच एजेंसी की जब्ती में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल, उनके बेटे और उनकी पत्नी से जुड़ी कई संपत्तियां शामिल हैं। लगभग 26 वर्षों तक सेवा देने के बाद जेट एयरवेज ने वित्तीय कठिनाइयों और नकदी की कमी के बाद अप्रैल 2019 में परिचालन बंद कर दिया था। साल 2019 में, गोयल के एयरलाइन के अध्यक्ष पद से हटने के बाद, जेट एयरवेज ने उसी साल जून में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दिवालियेपन के लिए याचिका दायर की थी।
जांच एजेंसी के बयान के मुताबिक, इन संपत्तियों में जेट एयरवेज़ कंपनी के संस्थापक नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और बेटे निवान गोयल समेत कई लोगों और कंपनियों के नाम पर 17 रिहाईशी फ़्लैट/बंगले और व्यावसायिक संपत्तियां थीं।
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ये मामला एयरलाइन को दिए गए लोन से जुड़ा है। नवंबर 2022 में केनरा बैंक ने एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर सीबीआई ने बीती मई में एक एफ़आईआर दर्ज की।
74 वर्षीय नरेश गोयल को केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में ईडी ने सितंबर की शुरुआत में गिरफ्तार किया था। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि अपराध की आय का उपयोग करके विदेशों में संपत्तियां खरीदी गईं। जांच एजेंसी ने बीते मंगलवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और पांच अन्य के खिलाफ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरोप पत्र दायर किया।
जेट एयरवेज के संस्थापक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कथित बैंक धोखाधड़ी मामले के संबंध में गोया, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से उपजा है। जुलाई में ईडी ने गोयल और मामले में नामित अन्य लोगों के खिलाफ छापेमारी की थी।
सीबीआई की एफआईआर संबंधित बैंक की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने जेआईएल को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा और ऋण मंजूर किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया थे। सीबीआई ने यह भी माना कि खाते को 29 जुलाई 2021 को फ्रॉड घोषित किया गया था।