इंडिया दैट इज भारत की संसद के निचले सदन, लोक सभा के 2024 में चुनाव के आस पास अमेरिकी में भी चुनाव होने हैं। जिसमें उसकी सियासत के दाईं करवट लेने के कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फिर से रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की संभावना है। उनकी पार्टी के उम्मीदवार भारतीय मूल के रामस्वमी भी हो सकते हैं, जिन्होंने अभी से ट्विटर (एक्स) के नए मालिक को अपना सलाहकार बनाने की घोषणा कर दी है। रामस्वामी ने 21 फरवरी को ही फॉक्स न्यूज के एक शो में राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा की थी। इस बीच, न्यूयॉर्क की एक अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप की सिविल धोखाधड़ी मामले की सुनवाई करने के की अर्जी खारिज कर दी है, आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति ने ट्रम्प ने धोखाधड़ी से अपनी संपत्तियों का मूल्य अरबों डॉलर बढ़ा दिया था।
अदालत ने ट्रम्प द्वारा दाखिल अर्जी को पिछले गुरुवार को खारिज कर दिया। अमेरिकी अखबार ‘ द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प की अर्जी में इन आरोपों को सिरे से खारिज करने की याचना की गई थी। जस्टिस एंगोरोन का यह ऑर्डर ट्रम्प को उनकी संपत्तियों का लगातार बेजा मूल्यांकन के जरिए धोखाधड़ी करने का जिम्मेदार पाए जाने के दो दिन बाद आया। जस्टिस एंगोरोन की अदालत ने ट्रंप के कई कारोबार के लाइसेंस रद्द करने के आदेश भी दिए हैं, जिनके परिणामस्वरूप उनके लिए न्यूयॉर्क में व्यापार करना लगभग असंभव हो जाएगा। कोर्ट ने साफ कहा है कि ट्रंप ने धोखाधड़ी की, जिससे वह प्रसिद्ध हुए और उसी आधार पर अंततः अमेरिका के राष्ट्रपति भी बने।
ट्रंप के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई में अदालत ने 27 सितंबर को कहा कि ट्रंप ने रियल एस्टेट का अपना विशाल कारोबार खड़ा करने में कई बरसों तक धोखाधड़ी की। जस्टिस एंगोरोन ने न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। उनके मुताबिक सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है, कि ट्रंप और उनकी कंपनी ने अपनी संपत्तियों के दाम बड़े पैमाने पर कई गुना बढ़ा-चढ़ाकर बताए और सौदे किए। कोर्ट ने कहा ट्रंप ने बैंकों, बीमा कंपनियों और लोगों को धोखा दिया। जस्टिस एंगोरोन ने ऑर्डर दिया कि इसकी सजा के तौर पर ट्रंप के न्यूयॉर्क में कारोबार के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि वह ट्रंप ग्रुप की कंपनियों के संचालन की देखरेख के लिए स्वतंत्र मॉनिटरिंग जारी रखेंगे। धोखाधड़ी मामले में डोनाल्ड ट्रंप के सरेंडर करने के बाद उन्हें फुल्टन काउंटी जेल भेज दिया गया था। उन्हें जेल से 20 मिनट बाद तभी निकलने दिया गया जब उनका एक आम कैदी की तरह का “ मगशॉट “ सार्वजनिक कर दिया गया। इस मग शॉट पर बाइडेन ने चुटकी ली। लेकिन ट्रंप की वकील और प्रवक्ता अलीना हब्बा ने अदालत के फैसले की वैधता को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का बयान देकर कहा कि यह कानूनी प्रक्रया का अपमान है।
ट्रम्प पर “ डोनाल्ड डक “ की फब्ती-
राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के बीच 29 सितंबर को लाइव टीवी डिबेट में आमंत्रण के बावजूद ट्रंप के न आने पर उनकी ही पार्टी के लोगों ने फब्तियाँ कसी और कहा अब ‘हम आपको डोनाल्ड डक कहेंगे’। पार्टी नेता और न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी ने ट्रंप पर डिबेट से बचने का आरोप लगाया। क्रिस्टी के शब्द थे “ आप इन चीजों को टाल रहे हैं, और मैं आपको बताता हूं कि क्या होने जा रहा है। अगर आप ऐसा करते रहें, यहां कोई भी आपको डोनाल्ड ट्रंप नहीं कहेगा। हम आपको डोनाल्ड डक कहने जा रहे हैं। ” रिपब्लिकन पार्टी की इस दूसरी प्राइमरी बहस के दौरान इमिग्रेशन, चीन और अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ पार्टी नेताओं ने ट्रंप की जमकर आलोचना की। ट्रंप इस डिबेट में भाग भाग लेने के बजाय अपनी ही ऑटोमोबाइल कंपनी को देखने मिशिगन पहुंच गए थे। डिबेट में क्रिस्टी का मुकाबला ट्रंप के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसैंटिस, संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली, ट्रंप के उपराष्ट्रपति रहे माइक पेंस और रामास्वामी से था।
रामास्वामी ने डिबेट में प्रत्याशियों से देश में अवैध प्रवासियों की बढ़ती आबादी रोकने के मुद्दे पर सवाल किए। उन्होंने कहा वह राष्ट्रपति बने तो गैरकानूनी प्रवासियों के बच्चों को मिलने वाली नागरिकता बंद करा देंगे। इस मुद्दे पर उनका रुख ट्रंप की ही तरह है। बहस कैलिफोर्निया प्रांत के सिमी वैली में ‘रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी एंड म्यूजियम’ में हुई जिसमें रामास्वामी, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और निक्की हेली समेत छह प्रत्याशियों ने भाग लिया। अपनी उम्मीदवारी घोषित कर चुके ट्रंप ने दोनों बहस में भाग नहीं लिया। बावजूद इसके बहस अभी तक उन्हीं पर केंद्रित रहा है। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक रामास्वामी ने कहा वह अवैध प्रवासियों के अमेरिका में प्रवेश रोकने 2015 के प्रस्ताव का इस्तेमाल करेंगे जो ट्रंप का था। इसके तहत अमेरिका में बिना वैध दस्तावेज वाले प्रवासियों के बच्चों को नागरिकता नहीं मिल सकती सकेगी।
अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले सभी लोग वहां के नागरिक होंगे। उनकी पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवार प्रवासियों के खिलाफ हैं। डिबेट में रामास्वामी ने अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर शरणार्थियों को रोकने सेना तैनात करने कहा रामास्वामी ने कहा वह रूस के खिलाफ युद्ध कर रहे यूक्रेन का समर्थन नहीं करेंगे। उनका यह रूख भी ट्रंप की तरह है। रामास्वामी के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति पुतिन तानाशाह हैं पर यूक्रेन भी भला देश नहीं बल्कि ऐसा देश है जिसकी सरकार ने 11 विपक्षी दलों को प्रतिबंधित कर दिया है। रामास्वामी ने इससे पहले 17 सितंबर को एच 1बी वीजा के मुद्दे पर कहा था कि वह प्रेसिडेंट बनने पर इसे खत्म कर नई वीजा व्यवस्था लागू करेंगे क्योंकि एच 1वीजा कॉन्ट्रैक्ट लेबर, बंधुआ मजदूरी और गुलामी का प्रतीक है।
गौरतलब है खुद उन्होने 2018 से 2023 तक इसी वीजा का 29 बार इस्तेमाल किया है। उन्होंने सात सूत्री अपना एजेंडा पेश किया 1.बच्चों को सोशल मीडिया चलाने पर पांबदी,2.एच1बी वीजा आवंटन पर पाबंदी, 3.रूस को उक्रेन से अपना युद्ध रोकने के एवज में छूट देने की पेशकश,4.वोटिंग उम्र सीमा बढ़ाने पर जोर 5. गर्भपात प्लान में सरकार की भागीदारी पर रोक नहीं 6. न्यूयॉर्क के में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 आतंकी हमले को लेकर सरकार पर झूठ बोलने का आरोप और 7. फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) को खत्म करने की पैरोकारी। उन्होंने बीते हफ्ते रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों के बीच लाइव टीवी डिबेट के दौरान ट्रंप को 21वीं सदी का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति बताया था। ट्रंप ने भी रामास्वामी की तारीफ कर उन्हें “ स्मार्ट “ व्यक्ति कहा। भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने रामास्वामी को स्मार्ट बताते हुए कहा वह समझ गए हैं कि रिपब्लिकन पार्टी का आधार क्या है। उन्होंने कहा रामास्वामी के विचार मूल नहीं है लेकिन वे प्रभावी हो सकते हैं। ट्रंप रियल हैं, बाकी उनकी कार्बन कॉपी हैं। मुझे संदेह है कि ट्रंप राष्ट्रपति चुने जाने पर रामास्वामी को उपराष्ट्रपति चुनेंगे। रामास्वामी के बचपन में उनके माता-पिता केरल से अमेरिका जाकर वहीं बस गए थे। उन्होंने रामास्वामी ने 2014 में रोइवेंट साइंसेज की स्थापना की थी। उन्होंने 2015 और 2016 के सबसे बड़े बायोटेक आईपीओ की अगुवाई की थी।
दूसरी ओर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाये और कहा वह और उनके सहयोगी अमेरिका में लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा अमेरिका में कुछ बेहद खरतनाक होने जा रहा है। ट्रंप लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के बजाय व्यक्तिगत सत्ता में विश्वास रखते हैं। अपने मित्र रहे रिपब्लिकन पार्टी के दिवंगत पूर्व सीनेटर जॉन मैक्केन की याद में एक कार्यक्रम में बाइडन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की प्रमुख थीम ‘अमेरिका को फिर से महान बनाओ’ के नारे पर जोर दिया। उनका कहना था कि देश में अभी केट्टरपंथी अभियान चल रहा है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। हम सभी को याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र को बंदूक के दम पर खत्म नहीं किया जाता. वह तब खत्म हो सकता है, जब लोग चुप हों, जब वे लोकतंत्र पर खतरे की निंदा न कर पाएं। ” बाइडेन का मानना है राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ प्रतिशोध लेने के लिए वापस आना चाहते हैं।
बहरहाल,चुनाव में एक बरस बचा है। बाइडन का ट्रंप पर ध्यान केंद्रित करना उनकी मजबूत स्थिति दर्शाता है, जो चार मुकदमों का सामना करने के बावजूद अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे हैं। बाइडन अपनी घटती लोकप्रियता और बढ़ती उम्र को लेकर मतदाताओं की चिंता के बीच राष्ट्रपति बने रहने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपने भाषणों में लगातार लोकतंत्र पर खतरे का मुद्दा उठा रहे हैं।
लेखक – चंद्र प्रकाश झा-
लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह उत्तर बिहार के अपने गाँव में खेतीबाड़ी और स्कूल चलाने के काम से अवकाश लेकर नई दिल्ली आए हुए हैं। उनकी यह समाचार शृंखला अमेरिका के चुनाव होने तक जारी रहेगी।