खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों को जोड़ने के दावों पर दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद के बीच भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया है। भारत में एक ऑनलाइन वीज़ा आवेदन केंद्र, बीएलएस इंटरनेशनल ने अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस पोस्ट किया है कि, “भारतीय मिशन से महत्वपूर्ण सूचना: परिचालन कारणों से, 21 सितंबर 2023 से, भारतीय वीज़ा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। कृपया आगे के अपडेट के लिए बीएलएस वेबसाइट चेक करते रहें।”
https://x.com/PTI_News/status/1704742962997895171?s=20
पिछले तीन दिन में यह तीसरी बार है जब भारत ने कनाडा पर सख्त एक्शन लिया है। इससे पहले जब कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सोमवार को भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश दिया था तो भारत ने भी ‘जैसे को तैसा’ की नीति के तहत कनाडा के एक वरिष्ठ डिप्लोमैट को पांच दिन के अंदर कनाडा वापस जाने का आदेश दिया था। वहीं, मंगलवार को कनाडा सरकार ने भारत में रहने वाले कनाडाई नागरिकों के लिए एडवाइजरी करते हुए उच्च स्तर की सावधानी बरतने का आग्रह किया था। मोदी सरकार ने भी कनाडा को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कनाडा में रह रहे या जाने की सोच रहे भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी।
यह घटनाक्रम खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के साथ संभावित संबंध को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के तीन दिन बाद आया है।
https://x.com/ANI/status/1704743879071928680?s=20
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सोमवार को संसद को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की घातक गोलीबारी के पीछे भारतीय एजेंट थे। ट्रूडो ने दावा किया था कि उनके देश के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के पास यह मानने के कारण हैं कि “भारत सरकार के एजेंटों” ने कनाडाई नागरिक की हत्या को अंजाम दिया, जो सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के अध्यक्ष भी थे।
ट्रूडो ने कहा, “कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों का सक्रिय रूप से पीछा कर रही हैं।”
कनाडा द्वारा किए गए दावों का जवाब देते हुए, भारत ने उन्हें “बेतुका” और “प्रेरित” बताया था।
एक आधिकारिक बयान में, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, “हमने कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान को उनकी संसद में देखा है और उनके विदेश मंत्री के बयान को भी खारिज कर दिया है।”