उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बताते तमाम सरकारी दावों के बावजूद अपराध का ग्राफ थमता नहीं दिख रहा है। अखबार न्यूज बेवसाइट के पन्ने पर लहूलुहान खबरें कम होने के बजाय बढ़ रही हैं। इस बार तो अपराध की मुख्य वजह स्थानीय पुलिस की लापरवाही बताई जा रही है। वाराणसी में स्कार्पियों सवार एक निजी महाविद्यालय महादेव के छात्रों ने गत रविवार यानी 10 सितंबर की रात चौबेपुर के महासीपुर निवासी सेना भर्ती की तैयारी में जुटे सौरव यादव की अकथा तिराहे के पास हॉकी, रॉड व धारदार हथियार से पीटकर हत्या कर दी। इस हत्या का अंदाज यह बताता है कि अपराधियों में पुलिस प्रशासन का डर पूरी तरह से खत्म हो गया है। इस घटना के ठीक आठवें दिन रविवार को शाम साढ़े चार बजे “तक्षकपोस्ट” की टीम महासीपुर गांव में पीड़ित के घर पहुंची। जहां खाट पर बैठे हुए गौरव, उनकी बहन, पत्नी और मां से मुलाकात हुई। इस मर्डर केस में अब तक हुआ और पीड़ित परिवार क्या कह रहा है…… पेश है रिपोर्ट।
अबतक, सौरव की हत्या व स्थानीय पुलिस के ढुलमुल रैवये से नाराज परिजनों ने गौरा चौराहे पर जाम लगाकर पहड़िया- बलुआ मार्ग पर प्रदर्शन किया। पब्लिक के बढ़ते दबाव के बीच सारनाथ थाने में धारा 147, 148, 149, 302 और 506 के पांच आरोपियों पर नामजद मुक़दमा दर्ज किया गया। जिसमें मृतक के पड़ोसी गांव कमौली गांव के अभिषेक सिंह, रौनक सिंह, नितिन सिंह, अश्वनी सिंह (जौनपुर) और नेवादा गांव के अंकुश राजभर का नाम शामिल है। आरोप है कि पहले भी इन्हीं इन लोगों ने सौरव से मारपीट किया था और उसे जान से मारने की धमकी दी थी। तब वह बच गया था। इस बार तो उसकी जान ही चली गई। वहीं बरियासनपुर के महादेव पीजी कॉलेज के ये सभी छात्रों का इतिहास अपराध का रहा है, ये सभी इस कदर मनबढ़ थे कि किसी को भी जान से मारने की धमकी देकर मार देना इनके लिए मामूली बात है, इसका अंदाजा सौरव की हत्या को देखकर लगाया जा सकता है कि कानून का इनको कोई खौफ नहीं।
सारनाथ के बरियासनपुर गांव के दक्षिण-पश्चिम दिशा में महज दो किमी पर महासीपुर गांव स्थित है। पास में ही निर्माणाधीन हाइवे गुजरा है। इस हाइवे के बाई और दाईं दोनों तरफ से उतरकर सड़क से अंडर ब्रिज के सामने महासीपुर गांव ही दिखता है। महासीपुर गांव के मेन सड़क के किनारे छिटपुट दुकानें हैं। तकरीबन सौ मीटर चलने के बाद गांव में दक्षिण दिशा में तकरीबन 400 मीटर ईंट की उबड़-खाबड़ पगडंडी सत्ताइश वर्षीय गौरव यादव के घर जाती है। दिन रविवार को गौरव अपने घर की दीवार से लगे घासफूस के छप्पर के नीचे बैठे हैं। उनके चेहरे पर उदासी पसरी हुई है। ऐसा लग रहा है, वे किसी गहरे सदमे में डूबे हुए हैं। पास में रखी दर्जनों कुर्सियां खाली पड़ी है। उनके सामने पड़ी खाट पर उनकी मां (दुर्गावती देवी) बैठी हैं। दुर्गावती की खाट के सिरहने हाथ पर हाथ धरे उनकी बेटी बैठी है। जिनके चेहरे से गहरा शोक का भाव प्रकट हो रहा था। बाल बिखरे हुए हैं और पास में एक-डेढ़ साल का बालक अपने मां की गोद की गोद से उतरना चाह रहा है।
आधे-अधूरे बने घर के सामने मिट्टी की जमीन है, जिसके कुछ हिस्से में ईंट बिछी हुई है। जहां दो मवेशी बंधे हैं। यह कुछ रोज पहले तक जीवित सौरव यादव का घर था। सौरव वही लड़का था, जिसे मनबढ़ छात्रों के इस गिरोह ने बुलाकर सारनाथ के अकथा में रोड पर गत रविवार की रात 9 बजे के आसपास रॉड और बेसबॉल स्टिक से करीब 20 मिनट तक मारा और उसे अधमरा छोड़कर भाग निकले। परिजनों ने सूचना के बाद सौरव को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गयी। मौत की खबर सुनते ही परिजनों समेत पूरे गांव में मातम पसर गया। गमजदा आसपड़ोस के साथ पीड़ितों के घर के चूल्हे की आग कई दिनों तक ठंडी पड़ी रही।
मृतक सौरव की बड़े भाई अपने मोबाइल में एफआईआर की कॉपी ढूंढते हुए “तक्षक पोस्ट” से कहते हैं “चौबेपुर थाने का एसओ (दारोगा) राजीव सिंह कहते हैं कि अभी मामला गरम है। इसे शांत होने के बाद मुझे भी बाइक चोरी के केस में उठाकर बंद कर देंगे। वह बोल रहे हैं। हमें धमकी भी मिल रही है।” जिसे दिन मेरे भाई की हत्या हुई। उस दिन मुझे मुझे रास्ते में सौ नंबर वाली पुलिस ने रोका था। मैं रुक गया, फिर वहां पर एसओ चौबेपुर आया। वह मुझे बैठाकर ले जा रहा था। मैं नहीं जाना चाह रहा था। उसने जबरदस्ती मारा और बैठाकर ले गया फिर बंद कर दिया। इधर मेरा भाई जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। वहीं, इस पुलिसवाले ने मुझे बिना किसी अपराध के गुंडागर्दी के दम पर रातभर चौकी में बैठाये रखा। अगले दिन सुबह नौ बजे छोड़ा, तब तक मेरे भाई की मौत हो चुकी थी। स्थानीय पुलिस का रवैया मुझे संदेहास्पद लग रहा है। पुलिस को जनता के सहयोग के लिए बनाया गया है या उत्पीड़न के लिये।”
हत्या की वजह, आरोपियों की जुबानी
इस घटना के संबंध में 14 सितंबर को गिरफ्तार अश्वनी और रौनक नामक आरोपियों ने पुलिस को बताया कि “सावन के पहले दिन गौरा कलां बाजार में एक पंचर की दुकान पर कमौली निवासी नितिन के बाइक से पानी का छींटा पड़ गया। इसी बात को लेकर रंजिश चल रही थी। कई बार मारपीट भी हो चुकी थी। बीते 10 सितंबर को सभी आरोपित कमौली निवासी नितिन का जन्मदिन मनाने आये हुए थे। इसी समय सौरव से बदला लेने की योजना बनाई गई। फिर सौरव के दोस्त अंकुश राजभर ने उसकी लोकेशन ली। फिर सभी स्कार्पियों में धारदार हथियार, बेसबॉल और हॉकी लेकर निकले और अकथा तिराहे पर पहुंचकर सौरव पर हमला बोल दिया। पिटाई से सौरव की मौत हो गई।”
यह पूछने पर कि क्या आरोपी पक्ष के युवकों से जो ठाकुर समाज से हैं, से कोई पुराना जातिगत झगड़ा या कोई बात थी। सवाल को ध्यान से सुनने के बाद अपने बेटे के गम में डूबीं साठ वर्षीय दुर्गावती देवी सिसकते हुए बोल पड़ती हैं “नहीं भैया, हमलोगों (अहीर, यादव) का ठाकुर जाति का कोई झगड़ा नहीं है। वो तो कुछ दिन पहले एक मुस्लिम लड़के शाहिद, जो कि सौरव का दोस्त है, को ठाकुर जाति के कुछ लड़के मारपीट रहे थे। मेरा बच्चा सौरव यहीं पास में ही था। उसे किसी ने फोन किया कि शाहिद को कोई घेरकर पीट रहे हैं। वह बिना देर किये घर से चला गया। इसके बाद पता चला कि सौरव ने ठाकुरों के लड़कों की पिटाई से शाहिद को बचाकर। उसे घर पहुंचा दिया था। इसके बाद से उन लड़कों ने शाहिद को बचाने का बदला लेने के लिए सौरव को ढूंढ रहे थे। अंत में उन लोगों ने उसे जान से मार ही दिया।”
वह आगे कहती हैं ” पुलिस हमारी बात सुनती तो हमारा बेटा आज इसी दुनिया में होता। लगभग दो हफ्ता पहले गौरा कला में सौरभ का कुछ ठाकुर लड़कों से विवाद हुआ था। वहां उसे जान से मारने की धमकी दी गयी थी। हमने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन हमारी कोई सुनवाई ही नहीं हुई। उसके बाद एक हफ्ता पहले भी सौरभ की पिटाई की गयी थी। उसके बाद रविवार की रात उसकी हत्या कर दी।”
मृतक के पिता बचाऊ के पास सिर्फ रहने के लिए आधा- अधूरा बना हुआ घर है। खेती-किसानी के लिए जमीन नहीं है। वे और उनका बड़ा बेटा घूरे घर-मकान को पेंट करने का काम करते हैं। इससे होने वाली आमदनी से परिवार चलता है। बचाऊ कहते हैं कि “करीब दो सप्ताह पहले गौरा कला खेल मैदान में क्रिकेट मैच के दौरान विवाद हुआ था। तभी आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी थी। इसकी शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया। एक सप्ताह पहले भी सौरभ को पीटा गया था। वह देश सेवा के जज्बे के साथ सेना भर्ती की तैयारी कर रहा था, जिसे मौत के घाट उतार दिया गया। इस साजिश में सौरभ का दोस्त व नेवादा निवासी अंकुश राजभर भी शामिल है।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका ने शनिवार को चौबेपुर थाना क्षेत्र के मढ़नी-महासीपुर निवासी मृतक सौरभ यादव के घर पहुंचे। जहां उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। मनोज ने सपा के शिवपाल सिंह यादव से मोबाइल फोन पर पीड़ित के भाई से बात कराई। शिवपाल सिंह यादव नें पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर आने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में रोज हो रही हत्या की घटना : काका
मनोज काका ने “तक्षक पोस्ट” से कहा कि “समाजवादी पार्टी के लोग पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने के लिए गुहार लगाते रहेंगे। 18 वर्ष के युवा की हत्या किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं है। सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवा की हत्या किया जाना जघन्य अपराध है। समाजवादी पार्टी के लोग अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करेंगे। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में रोज हत्याएं हो रहीं हैं। पुलिस पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करनें की जिसकी जिम्मेदारी है वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहा है। मृतक सौरभ यादव के भाई को चौबेपुर पुलिस घटना स्थल पर ले जानें के बजाय थाने ले गयी और उसे वहां पीटा गया। इसमें दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ”
इस हत्या मामले में कमिश्नरेट वाराणसी के वरुणा जोन पुलिस उपायुक्त कार्यालय से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि पुलिस ने अबतक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो शहर छोड़कर भागने की फ़िराक में थे। पुलिस ने शातिर बदमाशों के पास से घटना के समय प्रयुक्त हुई स्कार्पियों वाहन को भी बरामद कर लिया है। लेकिन इस वारदात के पीछे की राजनीति और खेल काफी चौकाने वाला है जिसकी विवेचना में तक्षकपोस्ट कई टीम को कई अहम जानकारी मिली जिसका जिक्र अगले अंक में …..