उत्तर प्रदेश की जौनपुर पुलिस ने 14 अगस्त को एक दलित नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने और अपराध का वीडियो बनाने के छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मछलीशहर क्षेत्र में पुरुषों के एक समूह द्वारा लड़की को परेशान किए जाने का एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद यह गिरफ्तारी हुई। पीड़िता की मां ने आधिकारिक शिकायत दर्ज की। भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 354 (छेड़छाड़), 504 (आपराधिक धमकी), 506, एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(2)(वीए) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
In UP's Jaunpur, a girl was abducted from her house on the night of August 14. A video of several men forcing themselves on the girl held captive in a field has surfaced. She could be heard screaming for help in the viral video. A senior cop dubbed the incident as "छेड़खानी"… pic.twitter.com/XFUuew3rP0
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) August 17, 2023
पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने कहा है कि सभी छह आरोपियों को पकड़कर हिरासत में ले लिया गया है। मामले में आरोपियों की पहचान आशीष, विक्की, गोरे, प्रमोद, पप्पू और शेषमणि के रूप में हुई है।
घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो बेहद दिल दहला देने वाला है। इसमें नाबालिग बच्ची के साथ आरोपी खेत में हैवानियत कर रहे हैं। वीडियो में नाबालिग चिल्लाती है ‘पापा बचाओ’, लेकिन आरोपी युवक उसका मुंह बंद करने की कोशिश करते रहते हैं।
पीड़िता का आरोप है कि जौनपुर के मछलीशहर इलाके से छह लड़के उसके घर में घुस आए और उसका अपहरण कर लिया। उसने आरोप लगाया कि उसे एक दूर स्थान पर ले जाया गया और पुरुषों के समूह ने उसके साथ छेड़छाड़ की। पीड़िता द्वारा आस-पास के ग्रामीणों से मदद के लिए चिल्लाने के बाद ही आरोपी कथित तौर पर अपराध स्थल से भाग गए।
यह घटना दो दिन पहले 14 अगस्त की शाम की बताई जा रही है। आरोपियों की धमकियों के डर से परिवार वालों ने घटना को दबाए रखा लेकिन 16 अगस्त की सुबह लड़की से छेड़छाड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीड़िता की मां अधिकारियों के पास पहुंची।
पीड़िता ने कहा कि वह अधिकारियों के काम की गति से असंतुष्ट है और वह शीघ्र न्याय चाहती है। उसने बताया कि घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की। पीड़िता ने यह भी कहा कि उसने घटना के तुरंत बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की थी क्योंकि उन्होंने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी।