केंद्र सरकार द्वारा नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलने के एक दिन बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू को उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है, न कि “सिर्फ उनके नाम के लिए”।
#WATCH | On Nehru Memorial Museum and Library renamed as Prime Minister's Museum and Library, Congress leader Rahul Gandhi says "Nehru Ji is known for the work he did and not just his name"
(Nehru Ji ki pehchaan unke karam hai, unka naam nahi) pic.twitter.com/X2otaLJiPa
— ANI (@ANI) August 17, 2023
कांग्रेस सांसद ने कहा, “नेहरू जी अपने काम के लिए जाने जाते हैं, न कि सिर्फ अपने नाम के लिए।”
नाम बदलने के विवाद पर राहुल गांधी की टिप्पणी भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी जुबानी जंग के एक दिन बाद आई है, जहां कांग्रेस ने कहा था कि भाजपा ने N की जगह P कर दिया है, जो पार्टी की क्षुद्रता और चिड़चिड़ापन का प्रतीक है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा था कि दरबारी सिर्फ विलाप कर रहे हैं।
भाजपा ने कहा था कि संग्रहालय अब नेहरू से हटकर सभी प्रधानमंत्रियों पर केंद्रित है जबकि नेहरू संग्रहालय में किसी अन्य प्रधानमंत्री को जगह नहीं मिली।
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा था कि एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल), पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। पीएम मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है…. लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
वहीं रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, “कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश व पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया…लाल बहादुर शास्त्री को वहां क्यों नहीं मिली जगह? वहां न तो इंदिरा गांधी थीं, न राजीव गांधी, न मोरारजी देसाई, न चौधरी चरण सिंह, न अटल बिहारी वाजपेई, न आईके गुजराल, न एचडी देवेगौड़ा… जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है, तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है। ”
बता दें कि केंद्र सरकार ने नई दिल्ली में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया है। भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर नए नाम को औपचारिक रूप दिया गया है।