केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से लोकसभा में चर्चा शुरू हुई। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इस प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की। इस चर्चा में राहुल गांधी भी शामिल होंगे। तीन दिनों तक 18 घंटे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके बाद 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चर्चा का जवाब देंगे। राज्यसभा में जैसे ही चर्चा की शुरुआत हुई तो बीजेपी के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बीजेपी सांसद पूछने लगे की जब राहुल गांधी इस पर चर्चा करने के लिए आने वाले थे तो अब अचानक बदलाव कर गौरव गोगोई को आगे क्यों किया जा रहा है?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा,’यह अविश्वास प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लेकर आए हैं। मणिपुर का युवा इंसाफ मांगता है। मणिपुर की बेटी इंसाफ मांगती है। मणिपुर का किसान इंसाफ मांगता है। अगर मणिपुर प्रभावित हुआ है तो भारत प्रभावित हुआ है। हम सिर्फ मणिपुर की बात नहीं कर रहे हैं। बल्कि भारत की बात कर रहे हैं। हमारी अपेक्षा थी कि एक संदेश जाए कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश मणिपुर के साथ है, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री महोदय ने एक मौनव्रत लिया। ना लोकसभा में कुछ बोलेंगे ना राज्यसभा में कुछ बोलेंगे। इसलिए यह नौबत आन पड़ी है कि हम अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा प्रधानमंत्री मोदीजी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं।
सूत्रों ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगर बोलते हैं तो कांग्रेस केवल तीन घंटे पहले ही इसकी घोषणा करेगी। कांग्रेस ने कहा कि यह रणनीति का हिस्सा है। पार्टी को पता है कि पीएम सदन में नहीं थे और यही कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के आगे गोगोई को खड़ा करने का मुख्य कारण हो सकता है। हालाँकि एआईसीसी ने राहुल गांधी के भाषण के लिए एक यूट्यूब लिंक जारी किया था, जिसका मतलब है कि वह बोलने के लिए तैयार थे और आखिरी समय में रणनीति बदल दी गई।
गोगोई ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए? मोदीजी को मणिपुर पर कुछ बोलने के लिए 80 दिन क्यों लग गए? पीएम मोदी की तरफ से संवेदना का कोई शब्द या शांति की अपील क्यों नहीं की गई। मंत्री बोलें, कोई नहीं रोक रहा, लेकिन पीएम मोदी के शब्दों में जो वजन है, वह किसी मंत्री में नहीं है। हमारा तीसरा सवाल है कि पीएम ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया? गुजरात में चुनाव से पहले दो बार मुख्यमंत्री बदल दिए, उत्तराखंड, त्रिपुरा में भी मुख्यमंत्री बदल दिए, लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री को विशेष आशीर्वाद क्यों?
उन्होंने आगे कहा,’मणिपुर में बीजेपी का डबल इंजन फेल हो गया है। समाज के दो वर्गों के बीच ऐसा बंटवारा, इतना आक्रोश, इतना गुस्सा हमने पहले कभी नहीं देखा। प्रदेश में एक ऐसी लकीर खींच दी गई है कि पहाड़ पर एक वर्ग के लोग रहते हैं और वैली में एक वर्ग के लोग। गोगोई ने अटल बिहारी वाजपेयी को कोट करते हुए सरकार को राजधर्म याद दिलाया और मणिपुर की दो महिलाओं के वायरल वीडियो का भी जिक्र किया।’
गोगोई ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम दुख की घड़ी में संवेदना के साथ वहां (मणिपुर) गए तो आप कहते हो कि फोटो के लिए गए। आप कहते हैं कि सब नॉर्मल है, स्थिर है। लेकिन आज भी बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, इंटरनेट नहीं है। वीडियो वायरल नहीं होता तो शायद पीएम मोदी आज भी मौन रहते। गोगोई ने मणिपुर के सीएम पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ये सब ड्रग्स के लिए हुआ है। जब पुलिस ने एक ड्रग्स माफिया एल इटोचा को पकड़ा तो मुख्यमंत्री दफ्तर से फोन गया कि इसे रिहा करो। वे एक ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट के चेयरमैन हैं, पीएचई के भाई हैं। ये बात हम नहीं कह रहे हैं, मेडल प्राप्त अधिकारी ने कही है। उन्होंने मेडल वापस कर दिया है। गोगोई ने 2017 से 2023 के बीच नार्कोटिक्स के उत्पादन से संबंधित रिपोर्ट्स का उल्लेख कर भी सरकार को घेरा।
कांग्रेस सांसद ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री को छवि से लगाव है। उन्हें ड्रग्स की समस्या या दूसरी समस्याओं से मतलब नहीं है। पीएम मोदी के मौन रहने का दूसरा कारण है कि गृह विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विफल रहे हैं। पांच हजार से ज्यादा हथियार लोगों के हाथ में हैं। भीड़ थाने में घुसकर हथियार ले गई है, जिसमें इंसास, एके-47 के साथ ही 6 लाख गोलियां लोगों के बीच में हैं। क्या ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है? ये गोलियां मणिपुर की पुलिस और निहत्थे लोगों पर चलाई जाएंगी। ये हथियार बस मणिपुर तक सीमित नहीं रहेंगे, भारत के अलग-अलग हिस्सों तक जाएंगे और अशांति फैलाएंगे। दुख की बात है कि मुख्यमंत्री केंद्र सरकार और असम राइफल्स पर निशाना साध रहे हैं। मुख्यमंत्री के घर के विधायक पूछ रहे हैं कि केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं, ये हथियार कहां से आए? आज ऐसी स्थिति बन गई है कि मणिपुर पुलिस केंद्रीय बल और केंद्रीय बल मणिपुर पुलिस पर उंगली उठा रहे हैं। गृह मंत्री से पूछना चाहूंगा कि 51 सदस्यों की पीस कमेटी बनाई, लेकिन इसकी बैठक कितनी बार हुई? यूकेएलएफ का चीफ लीगल बयान में ये कहता है कि बीजेपी ने उग्रपंथी संगठन का सहयोग लिया। ये है इनका राष्ट्रवाद, जो देश की अखंडता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। पूर्वोत्तर में सभी बड़े-बड़े वादे विफल रहे हैं।
गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौन की वजह भूल-कुबूल नहीं करने की नीति है। ये पहली बार नहीं है। कुश्ती में स्वर्ण पदक लाने वाले खिलाड़ी आंदोलन कर रहे थे, किसान आंदोलन, दिल्ली दंगों के समय, अडानी पर राहुल गांधी ने सवाल किया, प्रधानमंत्री तब भी मौन थे।
गोगोई ने कहा कि चीन पर सवाल हुआ, प्रधानमंत्री मौन थे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बाली में क्या बात हुई, इन्होंने उजागर नहीं किया। जम्मू कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल ने जब सुरक्षा मांगने पर भी न मिलने की बात कही, प्रधानमंत्री मौन रहे। कोरोना की दूसरी लहर में जब लोगों के फेफड़ों में सांस का अभाव था, प्रधानमंत्री तब बंगाल में लोगों से वोट मांग रहे थे। हमने ऐसे प्रधानमंत्री भी देखे हैं, जिन्होंने पूर्वोत्तर और भारत की वेदना को समझा। 1985 में असम में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सरकार को बर्खास्त कर चुनाव की बात कही। मिजोरम में 1986 में मिजो अकॉर्ड हुआ तब डांगा अंतरिम मुख्यमंत्री बने। ऐसी पहल प्रधानमंत्री मोदीजी क्यों नहीं कर सकते, हम उनका समर्थन करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि कोकराझार में जब हिंसा हुई, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गए और कहा कि हम एक नागरिक हैं, हम एक राष्ट्र हैं। 2002 के गुजरात दंगों के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी भी कैंप में गए थे। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री लोकसभा में आएं और राज्यसभा में भी जाएं। प्रधानमंत्री मणिपुर भी जाएं और ऑल पार्टी डेलिगेशन लेकर जाएं। प्रधानमंत्री आज विपक्षी गठबंधन को बदनाम करने में जुटे हैं। जब आप इंडियन मुजाहिद्दीन, ईस्ट इंडिया कंपनी की बात करते हैं, तब हम आईआईटी और आईआईएम की बात करते हैं। गौरव गोगोई ने विकास को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि ये कैसी प्रतिस्पर्धी इकोनॉमी बनाना चाहते हैं? श्री सीमेंट के अधिग्रहण को लेकर उन्होंने सरकार पर वार किया और टमाटर, दूध की बढ़ी कीमतों को लेकर भी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जीडीपी और फास्टेस्ट ग्रोविंग इकोनॉमी की बातें जाकर उनको समझाइएगा, जिनके आंसू निकल रहे हैं. आप गरीबों के साथ विश्वासघात करेंगे। हम राजस्थान की तरह महंगाई से राहत देंगे।
निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर गौरव गोगोई के बाद चर्चा आगे बढ़ाई। उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि राहुल गांधी बोलेंगे और फिर अपोजिशन का कोई सदस्य नहीं बोल पाएगा। मैं अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने खड़ा हुआ हूं। निशिकांत दुबे जब बोलने के लिए खड़े हुए, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर दिया। इस पर निशिकांत दुबे ने कहा कि ऐसे सदन नहीं चलेगा। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को शांत कराने की कोशिश करते हुए कहा कि नो कॉन्फिडेंस मोशन पर चर्चा नहीं करना चाहते आप?
इस बीच संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद टीवी पर सरकार की उपलब्धियों को लेकर स्क्रॉल चलने पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। स्क्रॉल में सरकार की उपलब्धियां दिखाई जा रही थीं। विपक्ष के हंगामे के बाद स्क्रॉल से सरकार की उपलब्धियां हटाई गईं। इसके बाद विपक्ष के सदस्य शांत हुए। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि टीवी का बटन स्पीकर के पास नहीं है।
निशिकांत दुबे ने कहा कि हम पहले सुन रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए राहुल गांधी आएंगे, लेकिन वह नहीं आए। शायद देर से उठे होंगे। गौरव गोगई ने पहले चर्चा शुरू की अच्छी बात है। उन्होंने आगे कहा,’मैं अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में खड़ा हुआ हूं। मणिपुर की चर्चा हुई। इतने महत्वपूर्ण बिल पर पार्टी ने मुझे बोलने के लिए खड़ा किया। अभी मैंने गौरव गोगोई को सुना।
दुबे ने आगे कहा कि राहुल गांधी के भाषण को छोटा करने के लिए राहुल गांधी का भाषण नहीं हुआ, उनके भाषण को छोटा करने के लिए बस गुगली खा गए। गौरव गोगोई जब बोल रहे थे। उन्होंने शहादत के बारे में कहा, लेकिन पूरी कांग्रेस को शहादत के बारे में नहीं पता है। गौरव गोगोई ने कहा कि आपको मणिपुर के बारे में नहीं पता होगा। आपमें से कई लोग मणिपुर नहीं गए होंगे। मैं मणिपुर के इतिहास का भुग्तभोगी हूं। मेरे मामा मणिपुर में अपना पैर गंवा चुके। वो सीआरपीएफ के डीआईजी हुआ करते थे। एनके तिवारी जब मणिपुर में आईजी बनकर गए तो आपकी (कांग्रेस) सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आप राष्ट्रवाद की बात करते हो। 83 के चुनाव में असम में कितने प्रतिशत लोगों ने वोट दिया था? कितने लोग मारे गए थे? जब आपने ऑल इंडिया असम स्टूडेंट यूनियन के साथ समझौता किया तो उस समझौता का यह पार्ट था कि ये सरकार हटाई जाएगी। आपकी सरकार खत्म की जाएगी। क्या यह समझौता का पार्टी नहीं था? मैं गृहमंत्री जी से कहूंगा कि जब वो जवाब दें तो समझौते का पूरा प्रारूप बताएं। निशिकांत दुबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि सोनियाजी को बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।
दुबे ने गौरव गोगोई के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि 83 के चुनाव में कितने प्रतिशत लोगों ने असम में वोट दिया था? कितने लोग मारे गए थे? आपने मिजोरम में 7 प्रतिशत वोट के आधार पर सरकार चलाने दे दी। पूरे देश को जानना चाहिए। अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि उस आदमी के खिलाफ यह लाया जा रहा है, जिसने लोगों को शौचालय दिया पीने का पानी दिया। उस आदमी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। जब द्रौपदी का चीरणहरण हो रहा था, तब सभी मौन धारण किए हुए थे। जिस तरह न धृतराष्ट्र बचा, ना युधिष्ठिर बचे उसी तरह कोई भी नहीं बचेगा।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के दो काम हैं। बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है। उन्होंने सवाल पूछा कि अगर कल के भाषण में न्यूजक्लिक का नाम बहाल कर दिया गया है तो आपकी समस्या क्या है? उन्होंने कहा कि पूर्व सीपीएम प्रमुख प्रकाश करात ने सिंघम के साथ कई ईमेल का आदान-प्रदान किया था.य मैं उन्हें रिकॉर्ड पर रख सकता हूं। सीपीएम एक राष्ट्रविरोधी पार्टी है।
इसके बाद सदन में बोलते हुए डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही हैं। यह ठीक नहीं है। यूपीए के समय पेट्रोल महज 60 और 70 रुपए का था। उस समय क्रूड ऑयल 70-80 डॉलर पर बैरल था। आज क्रूड ऑयल की कीमतें भी कम हैं। इसके बाद भी पेट्रोल-डीजल के रेट आसमान पर हैं।
तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा कि जो भी देश से प्यार करता है, वह मोदी को पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘मैं निशिकांत दुबे की बातों का जवाब नहीं देना चाहता। वह ऐसी संस्था से आते हैं, जिस पर गांधी जी की हत्या के बाद बैन लगा दिया गया था। इससे पहले अनुराग ठाकुर ने कहा था गोली मारो…मीनाक्षी लेखी ने कहा था की ईडी का छापा पड़ जाएगा।’
मणिपुर पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस सरकार के पास दिल नहीं है। केवल एक ही डेलिगेशन मणिपुर गया था। मेरे दोस्त गौरव गोगोई ने मणिपुर के हालात को बखूबी पेश किया। अब तक 150 लोग मारे जा चुके हैं। कई रेप हुए हैं। 300 से ज्यादा रिलीफ कैंप बने हुए हैं। निशिकांत है इस बारे में कोई बात नहीं की। एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़कों पर घुमाया गया। क्या वाकई हम एक सिविल सोसाइटी में रह रहे हैं? प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है। आज मणिपुर में जतियां एक-दूसरे पर हमला कर रही है, वह हथियारों के साथ उसका जवाब दे रहे हैं। विदेशी हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। यह सब ड्रग्स के जरिए कमाए गए पैसों से हो रहा है।
सुप्रिया सुले ने लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब में सरकार के बारे में सोचती हूं, मेरे दिमाग में जो ख्याल आता है, वह है घमंड। सरकार से हमेशा घमंड झलकता है। ये भाजपा वाले हमेशा बात करते हैं, नव रत्न, नो साल। लेकिन इन 9 सालों में बीजेपी ने क्या किया? सिर्फ राज्य सरकारें गिराई। महंगाई बढ़ाई। जुमला दिया। गडकरी जी ने तो यह तक कह दिया कि जुमला उनके गले की हड्डी हो गया है। बीजेपी सरकार वैसे तो बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन पिछले 9 सालों में बीजेपी ने बस 9 राज्यों की सरकारें गिराईं हैं। इन राज्यों में अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र भी शामिल है। महाराष्ट्र की सरकार दो बार गिराई गई है।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने लोकसभा में अपना मत रखा। उन्होंने कहा कि एक समय महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने पर भी रोक थी। इस पर किसी महिला सांसद ने उनसे पूछा कि क्या आपको हनुमान चालीसा आती है? इस सवाल के बाद श्रीकांत शिंदे ने सदन में ही हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया। वे तब तक हनुमान चालीसा कहते गए, जब तक कि उन्हें रोका नहीं गया। करीब 30 सेकेंड तक उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव किसी और (बीजेपी) के साथ लड़ा गया और चुनाव के बाद सत्ता के लिए एक अनैतिक सरकार बनाई। कभी किसी ने नहीं सोचा था कि कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठबंधन होगा। लेकिन सही मायनों में लोगों के साथ गद्दारी करने का काम किया गया।
सदन में चर्चा करते हुए सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग कह रहे थे कि हमें राजस्थान पर चर्चा करना चाहिए, जहां महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हो रहे हैं। गुजरात की चर्चा करनी चाहिए, छत्तीसगढ़ की चर्चा करनी चाहिए। अगर ऐसा है तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भी जरूर चर्चा होनी चाहिए। क्योंकि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि हर तीन घंटे में उत्तर प्रदेश के अंदर एक महिला का शारीरिक उत्पीड़न होता है। उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर हिंसा की दुनियाभर ने निंदा हुई, लेकिन यह अहंकार में डूबी हुई सरकार है।
संसद में शिवसेना उद्धव गुट के नेता अरविंद गणपत सावंत ने अपने पुराने साथियों (शिंदे गुट) पर निशाना साधा। उन्होंने शिंदे गुट के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि ये अब हमें हिंदुत्व सिखाएंगे। जिनका नाम लेकर प्रधानमंत्री ने भरे मंच से भ्रष्टाचार का हमला बोला था, वो नेता तीन दिन बाद भाजपा की वॉशिंग मशीन में धुल गए और महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बन गए। वे लोग जिनपर खुद प्रधानमंत्री हमला बोल रहे थे। वे ही कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे। ये भगोड़े लोग हमें हिंदु्त्व न सिखाएं. हमारे हिंदुत्व में लोग भगोड़े नहीं होते हैं।
बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल ने विपक्षी गुट इंडिया पर हमला करते हुए कहा, “जिन पार्टियों के खिलाफ कांग्रेस बोलती थी, उन्होंने उसके साथ गठबंधन किया है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे लंबे समय तक एकजुट रहेंगे। यह निश्चित रूप से टूट जाएगा, लेकिन यह कुछ समय लग सकता है।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में कहा कि जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो कोई कारण होता है। अक्सर यह तब लाया जाता है जब देश में राजनीतिक हालत अस्थिर हो। सरकार कमजोर स्थिति में हो। उस समय यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। लेकिन कांग्रेस यह बिल्कुल गलत समय पर लाई है। सरकार मजबूत स्थिति में है। पूरी दुनिया में भारत की तारीफ हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज हम सभी इस पुरानी संसद में आखिरी बार किसी अविश्वास प्रस्ताव को गिरते हुए देखेंगे।
रिजीजू ने कहा कि मैं 2004 से इस सदन का सदस्य हूं। एक दौर वो भी था जब यही कांग्रेस पार्टी TMC नेता ममता बनर्जी को ढंग से बोलने भी नहीं देते थे। उन्होंने कहा कि यही वो कांग्रेस है जो नॉर्थ ईस्ट के सांसदों को संसद में बोलने तक नहीं देते थे। हम छोटी पार्टी थे तो हमें बोलने का वक्त तक नहीं दिया जाता था। पूर्वोत्तर राज्य को यह कांग्रेस भारत का हिस्सा तक नहीं मानती थी। किरेन रिजीजू ने कहा कि ये लोग भारत विरोधी काम करेंगे और अपने गठबंधन का नाम ‘INDIA’ रख लेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी के साथ संसद में पहले कार्यकाल से काम कर रहा हूं। ये पीएम मोदी ही थे जिन्होंने आते ही हमें स्पष्ट कहा था कि हमें नॉर्थ ईस्ट के विकास को रफ्तार देनी है। किरेन रिजीजू ने कहा कि हम हर 15 दिनों में राज्य का दौरा करते हैं। हम भाजपा के लोग दिल्ली से बैठकर पूर्वोत्तर राज्यों की हालत पर बयानबाजी नहीं करते। हम ग्राउंड पर जाने वाले लोग हैं और हमारे ग्राउंड का मतलब सिर्फ राजधानियों से नहीं, हम राज्यों के गांवों में जाकर लोगों से मिलते हैं उनसे बात करते हैं। ऐसे हमने मणिपुर की समस्या को जाना और फिर सुधारने की कोशिश की है।
रिजीजू ने कहा कि आप दिल्ली में बैठे लोग यह मत सोचिए कि मणिपुर आज जल गया है। यह आपकी वर्षों की लापरवाही के कारण हुआ है। आपकी खराब नीतियों के चलते मणिपुर का आज यह हाल हुआ है। आपने उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ दिया। आपने हाथ नहीं पकड़ा। मणिपुर में सर्वाधिक उग्रवादी संगठन थे। लेकिन 2014 के बाद कोई भी उग्रवादी संगठन टिक नहीं पाया है। रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ने सरकार में आने के बाद सबका विश्वास जीता है। रिजीजू ने कहा कि 2014 के बाद दिल्ली में भी कहानी बदली है। पहले यहां नॉर्थ ईस्ट के बच्चों के साथ जुल्म होता था, लेकिन अब बदल गया।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को चैलेंज करते हुए लोकसभा में कहा कि आज विपक्षी दल के नेता आरोप लगा देते हैं कि भारत में चीन घुस गया, चीनी लोगों ने घर बसा लिया। लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है। आप लोग यहां बैठकर लोगों को गुमराह करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सभी नेताओं को कहता हूं कि इस मानसून सत्र के बाद आप मेरे साथ अरुणाचल चलिए। मैं आपको अरुणाचल प्रदेश दिखाउंगा और आप देखना कि कहीं भी चीन नहीं घुसा है।
पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ये अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर को केंद्रित करते हुए सदन में रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब गणराज्य की रचना हो रही थी। तब सरहद के राज्यों के लिए अलग प्रावधान किए गए थे। लेकिन जब उत्तर पूर्व के किसी राज्य पर में कोई हिंसा होती है तो इसका असर सिर्फ उस राज्य पर नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर पर उसका असर पड़ता है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि 4 वर्ष पहले जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया गया, लेकिन अब तक उस राज्य में चुनाव नहीं हुए हैं। सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि जब आप संविधान के ढांचे में बदलाव करते हैं तो उसका असर कहां पड़ता है।
तिवारी ने कहा कि मणिपुर के साथ म्यांमार की सरहद लगती है। म्यांमार की जो जुंटा है उसके रिश्ते चीन से जगजाहिर हैं। इसलिए मणिपुर में जो भी अस्थिरता होती है तो उसका असर देश में ही नहीं पड़ता है उसका असर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी पड़ता है। इसी संदर्भ में मैं चीन का भी जिक्र करता हूं। वर्ष 2020 अप्रैल में नियंत्रण रेखा के पार भारत की सरहद में घुसपैठ हुई। घुसपैठ एक जगह पर नहीं हुई, घुसपैठ 8 जगह पर हुई। कांग्रेस नेता ने कहा, मैं सरकार से ये पूछना चाहता हूं कि आज 37 महीने हो गए उस घुसपैठ को जारी हुए? क्या सरकार इस घुसपैठ पर ये सुनिश्चित कर पाई है कि इस घुसपैठ के पीछे चीन की राजनीतिक मंशा क्या है? आज तक इस सदन में चीन पर चर्चा नहीं हुई? क्या ऐसी थियेटर लेवल की घुसपैठ हो और हमारी खुफिया तंत्र को पता न लगे। कांग्रेस सांसद ने पूछा कि चीन के साथ 18 राउंड की बातचीत का क्या हल निकला?
मालूम हो कि मोदी सरकार के खिलाफ आने वाला यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है। 26 जुलाई को कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि, मोदी सरकार को इस प्रस्ताव से कोई खतरा नहीं है। क्योंकि लोकसभा में संख्याबल की ताकत के रूप में NDA आसानी से जीत दर्ज करा सकता है। लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत है। जबकि बीजेपी के सदन में 301 सदस्य हैं। वहीं, सहयोगियों के साथ मिलकर यह नंबर और बढ़ जाता है। कांग्रेस के इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले I.N.D.I.A. गठबंधन के नंबर जरूर कम हैं, लेकिन उनका एकमात्र मकसद मणिपुर हिंसा पर प्रधान मंत्री मोदी को सदन में बोलने के लिए मजबूर करना है।