हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि उनकी सरकार अगले महीने से राज्य में 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित लोगों को 2,750 रुपये की मासिक पेंशन देगी, बशर्ते उनकी वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से कम हो। यह पेंशन उसी आयु वर्ग के विधुर और विधवाओं पर भी लागू होगा जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं है। बीते दिनों करनाल जिले के कमलपुरा गांव में ‘जन संवाद’ कार्यक्रम के दौरान एक 60 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति की पेंशन संबंधी शिकायत का जवाब देते हुए मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राज्य सरकार जल्द ही अविवाहित लोगों के लिए एक पेंशन योजना शुरू करने की योजना बना रही है और सरकार एक महीने के भीतर इस योजना पर फैसला करेगी।
मुख्यमंत्री ने विधुरों के लिए की बड़ी घोषणा
40 से 60 वर्ष आयु के विधुरों को मिलेगी ₹2,750 मासिक पेंशन pic.twitter.com/XriyVkXv1l
— CMO Haryana (@cmohry) July 6, 2023
इन फैसलों के पीछे तर्क देते हुए सीएम खट्टर ने कहा, “अकेले पुरुष या महिला के मामले में, उसकी कुछ व्यक्तिगत ज़रूरतें होती हैं जिन्हें इस मासिक पेंशन के साथ सरकार की ओर से कुछ मदद मिलेगी”।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पेंशन योजना के साथ लगभग 240 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करेगी। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 65,000 अविवाहित पुरुष और महिलाएं और 5,687 विधुर/विधवाएं हैं जो निर्दिष्ट आयु/आय वर्ग में आते हैं।
खट्टर ने कहा कि एक बार जब ये लाभार्थी 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेंगे, तो उन्हें स्वचालित रूप से वृद्धावस्था पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी, बशर्ते वे वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए वार्षिक आय मानदंड को पूरा करते हों।
हरियाणा सरकार पहले से ही राज्य के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, दिव्यांगों, बौनों और ट्रांसजेंडरों को पेंशन वितरित कर रही है। इससे पहले सीएम खट्टर ने वृद्धावस्था पेंशन में 250 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 3,000 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की थी।
एकल लोगों को पेंशन देने की नई योजना को 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से जोड़ा जा रहा है। प्रस्तावित योजना को विधानसभा चुनाव के साथ-साथ हरियाणा के खराब लिंगानुपात में सुधार के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है, जो वर्तमान में 917 है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के एकल पुरुषों को हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, असम और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों की महिलाओं के साथ शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसी दुल्हनों की संख्या लगभग 1.35 लाख आंकी गई है, जिनमें बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें कथित तौर पर दूसरे राज्यों से खरीदा गया था और हरियाणा में एकल पुरुषों से शादी कर दी गई।