केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। पूर्वोत्तर राज्य में झड़पों के बाद से यह पहली सर्वदलीय बैठक होगी। यह बैठक दिल्ली में दोपहर 3 बजे होगी। बैठक का मकसद वर्तमान स्थिति और संघर्षग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के तरीकों पर विचार करना है।
Union Home Minister Amit Shah calls an all-party meeting on 24th June in New Delhi to discuss the situation in Manipur: Ministry of Home Affairs (MHA)
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— ANI (@ANI) June 21, 2023
इस बैठक को लेकर कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि हम PM मोदी द्वारा बैठक की उम्मीद कर रहे थे। पिछले 53 दिनों से मणिपुर जल रहा है लेकिन उन्होंने इसपर एक शब्द भी नहीं कहा। मणिपुर का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पिछले 10 दिनों से यहीं था लेकिन उन्होंने मुलाकात नहीं की। तो अब दिल्ली में बैठक का क्या फायदा?
VIDEO | "Union Home minister Amit Shah went there, then what's the point of holding a meeting again. There should at least be a PM-level meeting and that too in Manipur," says Congress General Secretary KC Venugopal on the all-party meeting called by Home Minister Amit Shah on… pic.twitter.com/UMwX4i5o2s
— Press Trust of India (@PTI_News) June 22, 2023
इस बीच राज्य में लागतार हिंसा जारी है। बुधवार रात मणिपुर के विभिन्न जिलों में विस्फोट और गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं। बिष्णुपुर जिले में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से विस्फोट की सूचना मिली है। अधिकारियों ने बताया कि बम एक खड़ी गाड़ी के अंदर लगाया गया था। कांगपोकपी जिले में बुशवार शाम गोलीबारी की सूचना मिली थी। सुरक्षा बलों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि, रात में 2-3 बजे के बीच रुक-रुक कर फायरिंग होती रही।
गोलीबारी की एक और घटना उरंगपत के पास इंफाल पूर्वी जिले में सामने आई, जहां स्वचालित छोटे हथियारों से गोलीबारी की आवाज सुनी गई। असम राइफल्स के जवानों ने हमले का जवाब दिया और सफलतापूर्वक व्यवस्था बहाल की।
इस अशांति के माहौल को और बढ़ाते हुए, मीरा पैबिस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के कारण सावनबंग-वाईकेपीआई सड़क कई स्थानों पर अवरुद्ध रही।
मालूम हो कि पिछले महीने से मणिपुर में आदिवासियों और मैतेई लोगों के बीच व्यापक रूप से झड़पें दर्ज की गई हैं। मैतेई मणिपुर का प्रमुख जातीय समूह है, जबकि कुकी सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है। तनाव तब शुरू हुआ जब 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की चुराचांदपुर यात्रा के दिन आरक्षित वनों/संरक्षित वनों पर राज्य सरकार के सर्वेक्षण और गांवों से बेदखली के विरोध में मणिपुर में आदिवासी समूहों ने 12 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया। इसके बाद से स्थिति और बिगड़ गई, 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, हजारों लोग बेघर हो गए और सैकड़ों इमारतें जलकर राख हो गईं।