केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में बुधवार को पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने आज सुबह राज्य में कई स्थानों पर तलाशी शुरू की। राज्य के नगर निगम भी एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के दौरान कुछ दस्तावेज जुटाए थे।
West Bengal | CBI raids underway in twenty places in Kolkata in connection with alleged municipality recruitment scam: CBI official
The alleged scam relates to irregularities in the recruitment of clerks, sweepers, peons, and drivers, in various municipalities in West Bengal
— ANI (@ANI) June 7, 2023
दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि घोटाला केवल शिक्षकों की भर्ती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कांचरापाड़ा, न्यू बराकपुर, कमरहाटी, टीटागढ़, बारानगर, हालीशहर, दक्षिण दम दम (एन), दम सहित विभिन्न नगर पालिकाओं द्वारा कई अन्य नियुक्तियों को भी शामिल किया गया है। इसमें मजदूरों, सफाईकर्मियों, क्लर्कों, चपरासी, एम्बुलेंस परिचारकों, पंप सेनेटरी सहायकों, गोताखोरों से लेकर संचालकों और सहायकों तक की भर्ती की गई थी।
जांच में पता चला है कि विभिन्न नगर पालिकाओं और जिला प्राथमिक विद्यालय परिषदों से संबंधित ठेके एक ही कंपनी- एबीएस इंफोजोन पुट लिमिटेड को दिए गए थे। प्रश्न पत्रों की छपाई, ओएमआर शीट की छपाई, उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का मूल्यांकन और मेरिट सूची तैयार करना इत्यादि इस कंपनी का काम था।
कंपनी के निदेशक अयान सिल और अन्य उच्च पदाधिकारियों, जिनमें लोक सेवक और राजनीतिक नेता शामिल थे, ने अन्य लोगों सहित आपस में आपराधिक साजिश रची और उस साजिश के अनुसार, अयान सिल ने ओएमआर शीट की छपाई, डिजाइनिंग और मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होने की अपनी शक्ति और स्थिति का दुरुपयोग करते हुए उम्मीदवारों की ओएमआर शीट में हेरफेर का सहारा लिया और पैसे के बदले कई नगर पालिकाओं में कई अयोग्य उम्मीदवारों की अवैध नियुक्तियों को सुगम बनाया।
अयान सिल से पूछताछ में पता चला था कि पश्चिम बंगाल की विभिन्न नगर पालिकाओं में अवैध रूप से नियुक्तियां देने के लिए उम्मीदवारों से 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की गई थी।
इससे पहले इस साल अप्रैल में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को राज्य के विभिन्न नगर निकायों में भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का आदेश दिया था। ईडी ने कहा था कि नगर निगमों में भर्ती घोटाला हो सकता है, जिसके बाद अदालत ने सीबीआई जांच का आदेश दिया। ईडी को 2021 में शिक्षकों की नौकरी में हुए घोटाले की जांच के दौरान इस आशय के सबूत मिले हैं।