एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। इस बीच वानखेड़े के मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी भी की गई है। दो साल पहले जब शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था तब समीर वानखेड़े NCB मुंबई प्रमुख थे।
वानखेड़े पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7, 7ए और 12 और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 388 (धमकी देकर जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
समीर वानखेड़े सहित तीन लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और दिल्ली, मुंबई, रांची, लखनऊ, गुवाहाटी और चेन्नई में 29 स्थानों पर छापेमारी की गई है। इस छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज/वस्तुएं/नकद आदि बरामद हुए हैं।
एफआईआर में सीबीआई ने समीर वानखेड़े के अलावा विश्व विजय सिंह, तत्कालीन अधीक्षक, NCB; मुंबई जोनल यूनिट, NCB के तत्कालीन खुफिया अधिकारी आशीष रंजन; के. पी. गोसावी और सांविल डिसूजा और अन्य अज्ञात व्यक्तियों पर भी आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि इन सभी लोगों ने अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची थी। साथ ही कथित रूप से अभियुक्तों से रिश्वत के रूप में अनुचित लाभ प्राप्त किया।
वानखेड़े और अन्य ने आर्यन खान को ड्रग भंडाफोड़ में नहीं फंसाने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। इतना ही नहीं, सीबीआई को जानकारी मिली कि अधिकारी और उसके साथी ने कथित तौर पर 50 लाख रुपये अग्रिम के तौर पर वसूले थे।
विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। विजिलेंस जांच के दौरान यह पाया गया कि समीर वानखेड़े ने भ्रष्टाचार के जरिए संपत्ति अर्जित की।
मालूम हो कि अक्टूबर 2021 में वानखेड़े के नेतृत्व में एक टीम ने मुंबई इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल पर कॉर्डेलिया क्रूज पर छापा मारा और आर्यन खान और अन्य को गिरफ्तार कर लिया था। प्रारंभ में इस मामले में नशीली दवाओं के कब्जे, खपत और तस्करी के आरोप लगाए गए थे। आर्यन खान को जेल में 22 दिन बिताने के बाद मई 2022 में “पर्याप्त साक्ष्य की कमी” के कारण NCB द्वारा क्लीन चिट दे दी गई थी।
एनसीबी टीम और वानखेड़े के खिलाफ मनमानी के आरोपों के कारण एक अलग विजिलेंस जांच की गई थी। वानखेड़े को बाद में चेन्नई में डीजी करदाता सेवा निदेशालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।