पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बुधवार तड़के भारतीय सेना के चार जवानों की हत्या कर दी गई, जिसे फ्रेट्रिसाइड का मामला माना जा रहा है। बठिंडा छावनी में गोलीबारी की घटना सुबह करीब साढ़े चार बजे हुई, जिसके बाद सैन्य ठिकाने की घेराबंदी कर दी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने घटना के पीछे आतंकी हमले से इंकार किया है। वैसे सूत्रों की अगर मानें तो इस घटना के लिए एक या दो सैन्यकर्मी जिम्मेदार थे। फायरिंग करने वालों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। पंजाब पुलिस ने इस मामले में दो अज्ञात लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
#WATCH | The gates of the Bathinda Military Station have been closed following a firing incident that has left four dead. Punjab police sources have said that there is no terror angle to the incident.
Visuals from outside the military station deferred by unspecified time. pic.twitter.com/b91Wc75WeX
— ANI (@ANI) April 12, 2023
भारतीय सेना ने कहा है कि हमले में इस्तेमाल की गई इंसास राइफल और मैगजीन को बरामद किया गया है। राइफल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। अब तक इस मामले में किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। पंजाब पुलिस के साथ ज्वॉइंट सर्च ऑपरेशन और जांच-पड़ताल जारी है। भारतीय सेना के द्वारा पंजाब पुलिस को जांच के लिए पूरा सहयोग किया जा रहा है।
इससे पहले भारतीय सेना ने कहा था कि वे मृतक जवानों के परिवारों को जानमाल के नुकसान के बारे में सूचित कर रहे हैं। सेना ने एक बयान जारी कर इस घटना में चार जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा कि किसी के घायल होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है। सेना ने बयान में कहा कि इलाके को सील किया जा रहा है और मामले के तथ्यों को स्थापित करने के लिए पंजाब पुलिस के साथ संयुक्त जांच की जा रही है। साथ ही कहा कि घटना के सभी पहलुओं का पता लगाया जा रहा है, जिसमें 28 राउंड के साथ एक इंसास राइफल के लापता होने की संभावित संलिप्तता भी शामिल है।
बठिंडा के एसपी अजय गांधी ने कहा है कि फायरिंग के बाद 19 खाली शेल बरामद किए गए हैं, जो लापता इंसास राइफल के लग रहे हैं। अधिकारियों के मेस के पीछे एक बैरक में दो सशस्त्र नागरिकों ने सैनिकों पर गोलियां चला दीं थी। एसपी अजय गांधी ने कहा, “अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।”
सूत्रों के हवाले से एएनआई न्यूज एजेंसी ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग की घटना के बारे में जानकारी दी है।
पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना ने बताया कि बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर हुई गोलीबारी के संबंध में अब तक मिली जानकारी के अनुसार, “यह स्पष्ट है कि यह आतंकवादी कृत्य नहीं था।”
इससे पहले दिन में पंजाब के विधायक अनमोल गगन मान ने कहा कि भटिंडा सैन्य स्टेशन पर गोलीबारी “आंतरिक लड़ाई का मामला” है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से बात की है और जांच चल रही है।
बता दें कि पंजाब में ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। जनवरी 2016 में पठानकोट में आतंकी हमला हुआ था। 2 जनवरी को जैश ए मोहम्मद के 6 आतंकी असलहा और हथियारों से लैस होकर एयरबेस स्टेशन में दाखिल हो गए थे। इन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। जबकि करीब 37 अन्य लोग घायल हुए थे। 65 घंटे चले इस ऑपरेशन में बाद में सभी आतंकी मार दिए गए थे। उससे पहले रदासपुर में जुलाई 2015 में आतंकी हमला हुआ था। लश्कर के आतंकियों ने आर्मी यूनिफॉर्म पहनकर पहले जम्मू के कटरा जा रही बस पर फायरिंग की थी। इसके बाद आतंकी दीनानगर पुलिस स्टेशन में घुस गए थे। इस हमले में 12 लोग मारे गए थे। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया था।