कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का पार्टी नेतृत्व पर लगातार हमला “प्रासंगिक बने रहने की हताशा” को दर्शाता है। गांधी परिवार और संगठनात्मक नेतृत्व पर पिछले साल अगस्त में तीखे प्रहार करने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले आजाद ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा था कि राहुल गांधी के “अवांछनीय व्यवसायियों” के साथ संबंध थे।
इंटरव्यू में आजाद ने गांधी परिवार का जिक्र करते हुए कहा था, ‘उनके (राहुल गांधी) सहित पूरे परिवार का बिजनेसमैन से जुड़ाव है। मैं आपको ऐसे 10 उदाहरण दे सकता हूं कि जहां वह देश के बाहर भी जाते थे, ऐसे लोगों से मिलने के लिए जो अवांछित व्यवसायी हैं।”
आजाद के बयान पर पलटवार करते हुए जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि, “हर गुजरते दिन के साथ, गुलाम नबी आजाद अपने असली चरित्र और श्री मोदी के प्रति अपनी वफादारी का प्रदर्शन करने के लिए नई गहराई तक उतरते हैं। कांग्रेस नेतृत्व पर उनके अवमाननापूर्ण बयान प्रासंगिक बने रहने की उनकी हताशा को दर्शाते हैं। मैं केवल यह कह सकता हूं कि वह दयनीय स्थिति में हैं।”
With every passing day, Ghulam Nabi Azad falls to new depths to demonstrate his true character and his loyalty to Mr. Modi. His contemptible statements on the Congress leadership reflect his desperation to remain relevant. I can only say that he is PATHETIC.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 10, 2023
मालूम हो कि मानहानि के एक मामले में सजा के बाद हाल ही में लोकसभा से अयोग्य घोषित किए गए राहुल गांधी ने शनिवार को कुछ नेताओं पर कटाक्ष किया, जिन्होंने हाल के वर्षों में कांग्रेस छोड़ दी है और जिनमें से कुछ भाजपा में शामिल हो गए हैं। राहुल गांधी ने ट्वीटर पर एक तस्वीर शेयर की और उसमें अडानी (ADANI) के ‘ए’ अक्षर के साथ गुलाम (नबी आजाद), बी अक्षर के साथ सिंधिया (ज्योतिरादित्य), ‘ए’ के साथ किरण (रेड्डी), ‘एन’ के साथ हिमंत (बिस्व सरमा) और ‘आई’ के साथ अनिल (एंटनी) लिखा था। कांग्रेस छोड़ने के बाद आजाद ने अपनी पार्टी बनाई, जबकि बाकी भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया अब केंद्रीय मंत्री हैं और हिमंत सरमा असम के मुख्यमंत्री हैं।