गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने वाले न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला को अब वाई-प्लस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने बताया है कि स्थानीय पुलिस ने न्यायाधीश को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की है। इतना ही नहीं, उमेश पाल के अपहरण के मामले में अतीक अहमद और दो अन्य आरोपियों को दोषी ठहराने वाले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट के परिसर के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि एक बैठक हुई, जिसमें जज को वाई प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया गया। मालूम हो कि भारत में मान्यता प्राप्त व्यक्तित्वों को सुरक्षा कवर की पेशकश की जाती है जिनका जीवन उनके काम या लोकप्रियता के कारण खतरे में है।
वाई-प्लस सुरक्षा भारत का चौथा सुरक्षा स्तर है जिसमें 11 सदस्यीय दल शामिल होता है। इसमें एक या दो एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी भी शामिल होते हैं। वाई प्लस सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति के साथ दो निजी सुरक्षा अधिकारी भी जाते हैं। वाई-प्लस सुरक्षा के तहत न्यायाधीश को पूरे भारत में उनके प्रवास और यात्रा के दौरान सुरक्षा दी जाएगी।
इस बीच अतीक अहमद को एक बार फिर साबरमती जेल पहुंचा दिया गया है। 26 मार्च को अतीक अहमद को यूपी पुलिस एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश करने के लिए प्रयागराज लेकर गई थी। लेकिन अब एक बार फिर से साबरमती जेल लौटे अतीक के लिए बहुत कुछ बदल गया है। पहले वह आरोपी था, लेकिन अब वह कैदी बन गया है।
जानिए न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला के बारे में-
एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला रायबरेली के रहने वाले हैं। उन्होंने 21 अप्रैल 2009 को भदोही के ज्ञानपुर में बतौर ज्यूडिशल मैजिस्ट्रेट अपने करियर की शुरुआत की थी। 2022 में स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर के पद पर आने से पहले वह इलाहाबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज के पद पर तैनात थे। इससे पहले एडीजे झांसी, अडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज इलाहाबाद और मेरठ में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव के पद पर भी सेवाएं दी हैं।
बता दें कि न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने अतीक अहमद और दो अन्य को 2006 के उमेश पाल के अपहरण मामले में दोषी ठहराया था। उमेश पाल की इस साल 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।