कर्नाटक के बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा गिरफ्तार कर लिए गए हैं। मदल विरुपक्षप्पा को लोकायुक्त ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया है।उन्होंने बीते दिनों अपने बेटे के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। विरुपक्षप्पा पर अपने बेटे केएएस अधिकारी प्रशांत मदल के माध्यम से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था।
विरुपाक्षप्पा की गिरफ्तारी सोमवार को केएसडीएल से जुड़े रिश्वत मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद हुई। दावणगेरे जिले के चन्नागिरी से विधायक विरुपाक्षप्पा को लोकायुक्त पुलिस ने तुमकुर क्यासंद्रा टोल के पास पकड़ा। हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने करप्शन मामले में उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान लोकायुक्त के वकील ने जमानत अर्जी पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी।
लोकायुक्त के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी। विरुपाक्षप्पा के बेटे प्रशांत एमवी को उनके कार्यालय में 40 लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया था। बाद में, विरुपक्षप्पा के आवास से 7 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई थी।
प्रशांत एमवी को 2 मार्च को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन मदल विरुपक्षप्पा, जो मुख्य आरोपी थे, ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से 5 लाख रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत हासिल कर ली थी, जिसकी वजह से वह अब तक गिरफ्तारी से बचने में सफल रहे।
बता दें कि बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी ऐसे वक़्त में हुई है, जब राज्य में चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 तक है और उससे पहले ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस मामले को लेकर आप और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हैं।