पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपनी और उनकी मां के पासपोर्ट जारी करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप की मांग की है। 20 फरवरी को लिखे एक पत्र में, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर सीआईडी द्वारा दिए गए “प्रतिकूल” रिपोर्ट के कारण पिछले तीन वर्षों में उनका पासपोर्ट जारी नहीं किया जा सका है। मुफ्ती ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट भी पहुंचीं लेकिन उनका मामला “तीन साल तक खींचा गया”।
पत्र में पीडीपी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों, छात्रों और अन्य लोगों सहित हजारों लोगों के पासपोर्ट आवेदनों को मनमाने ढंग से खारिज करना एक आम बात बन गई है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि “राष्ट्रीय हित” के बहाने पासपोर्ट रद्द कर दिए गए।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का रुख किया और केस के तीन साल तक चलने के बाद, कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि श्रीनगर में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को अस्पष्ट आधार पर पासपोर्ट से इनकार करके सीआईडी के मुखपत्र के रूप में काम नहीं करना चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि वह 2021 से अब तक कई बार भारतीय पासपोर्ट प्राधिकरण तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
मेहबूबा मुफ़्ती ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को भेजे पत्र में लिखा है कि, “दुर्भाग्य से, मुझे अभी तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मेरा पासपोर्ट जारी करने में अत्यधिक और जानबूझकर की गई देरी मेरे मौलिक अधिकार का घोर उल्लंघन है। अगर हमारे जैसे लोकतंत्र में मेरे मूल अधिकारों को निलंबित करना इतनी बेशर्मी और अवमानना के साथ किया जाता है, तो कोई सोच भी नहीं सकता कि एक सामान्य कश्मीरी क्या झेलता है”। साथ ही, उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि उनकी बेटी ने जून 2022 में अपने पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था और वह अभी तक लंबित है। मुफ्ती ने आरोप लगाया कि श्रीनगर का पासपोर्ट कार्यालय “अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहा है”।
महबूबा मुफ्ती ने अपने पत्र में कहा कि वह अपनी बुजुर्ग मां को मक्का की तीर्थ यात्रा पर ले जाने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, लेकिन एक बेटी के रूप में, उन्हें “पीड़ा” महसूस होती है कि वह “तुच्छ राजनीति” के कारण ऐसा नहीं कर सकतीं।
मालूम हो कि मार्च 2021 में, महबूबा मुफ्ती और उनकी मां को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा “प्रतिकूल रिपोर्ट” का हवाला देने के बाद पासपोर्ट देने से मना कर दिया गया था। मुफ़्ती के पासपोर्ट की अवधि 31 मई, 2019 को समाप्त हो गई थी और उन्होंने अगले वर्ष 11 दिसंबर को नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। सऊदी अरब में मक्का की तीर्थ यात्रा करने के लिए उनकी मां ने 2020 में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। महबूबा मुफ्ती का पासपोर्ट आवेदन अभी भी लंबित है, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा पासपोर्ट अधिकारी को नए निर्देश दिए जाने के बाद अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में उनकी मां का पासपोर्ट जारी कर दिया।
अब पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से दखल की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को तीर्थ यात्रा पर मक्का ले जाने के लिए पिछले तीन साल से इसका इंतजार कर रही हैं।