नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने उड़ान के दौरान यात्रियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं को लेकर एअर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पिछले महीने पेरिस-नई दिल्ली उड़ान में यात्रियों के दुर्व्यवहार की दो घटनाओं को लेकर दिया गया है।
DGCA issues a show cause notice to the Accountable Manager of Air India as to why enforcement action should not be taken against them for dereliction of their regulatory obligations pertaining to passengers' misbehaviour onboard the Paris-New Delhi flight on December 6, 2022. https://t.co/ImjMUCzb4c
— ANI (@ANI) January 9, 2023
DGCA के मुताबिक, छह दिसंबर 2022 को पेरिस-नई दिल्ली की उड़ान में यात्रियों के दुर्व्यवहार की दो घटनाएं हुईं। उन्हें DGCA के संज्ञान में लाया गया। पहली घटना में एक यात्री को शौचालय में धूम्रपान करते पकड़ा गया। वह नशे में था और उसने चालक दल की बात नहीं मानी। एक अन्य घटना एक अन्य यात्री द्वारा कथित रूप से एक खाली सीट और साथी महिला यात्री के कंबल पर पेशाब करने से संबंधित है, जब वह शौचालय गई थी। DGCA ने कहा है कि पीड़ित महिला ने बताया कि एयर इंडिया द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की गई थी, बल्कि उन्हें जबरदस्ती आरोपी के सामने ही बैठा दिया गया था। पूरी कोशिश हुई थी कि मामले को माफी के जरिए समाप्त कर दिया जाए।
Two incidents of passengers misbehaving onboard Paris-New Delhi flight occurred on December 6, 2022 & were brought to notice of DGCA. In first incident, a passenger was caught smoking in lavatory, was drunk & didn't listen to the crew: DGCA
— ANI (@ANI) January 9, 2023
Another incident pertains to another passenger allegedly urinating on a vacant seat and blanket of a fellow female passenger when she went to the lavatory: DGCA
— ANI (@ANI) January 9, 2023
DGCA द्वारा एयर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि आपके खिलाफ एक्शन क्यों ना लिया जाए? आपने अपना दायित्व ठीक तरह से नहीं निभाया है। लेकिन फिर भी न्यायिक प्रक्रिया को देखते हुए आपको जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया जाएगा। उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। DGCA ने कहा है कि एयरलाइंस ने समय रहते कोई एक्शन नहीं लिया था और जब डीजीसीए ने सवाल-जवाब किया, तब जाकर इस मामले की जानकारी दी गई।
नियमों के मुताबिक, यात्रियों के अनियंत्रित होने, यात्रियों के गुस्से, फ्लाइट में यात्रियों के दुर्व्यवहार की सूचना मिलने पर विमान के उतरने के 12 घंटे के भीतर डीजीसीए को सूचित करने की जिम्मेदारी एयरलाइंस की होती है। एयरलाइंस को इस घटना को तीन सदस्यों वाली आंतरिक समिति के पास भेजना आवश्यक है।
ऐसी घटनाओं के विषय में विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने और अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के लिए 2017 की नागर विमानन आवश्यकताओं (CAR) में संशोधन किया जाना चाहिए। उनका ये भी कहना है कि हाल के दिनों में उड़ानों में अनुचित आचरण की घटनाएं बढ़ी हैं क्योंकि एयरलाइन कंपनियां अपने व्यावसायिक हितों के कारण ऐसी घटनाओं पर पर्दा डालने की कोशिश करती हैं।
बता दें कि बीते दिनों टाटा ग्रुप के चेयरमेन के चंद्रशेखर ने इस मामले को लेकर कहा था कि ये घटना मेरे और एअर इंडिया के मेरे सहयोगियों के लिए ये घटनाएं व्यक्तिगत पीड़ा का विषय रही है। उन्होंने कहा था कि, ‘एअर इंडिया की प्रतिक्रिया तेज होनी चाहिए थी। हम इस स्थिति को उस तरह से संबोधित करने में विफल रहे, जिस तरह से इसे करना चाहिए था’।