ICICI वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बाम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोचर दंपत्ति को जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर की एक एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर करते हुए रिहाई के आदेश दिए। कोचर दंपति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है। मालूम हो कि चंदा कोचर और दीपक कोचर ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, ‘इनकी गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है।’
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पीके चव्हाण की पीठ ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC) के सेक्शन 14A के उल्लंघन में की गई है। इस सेक्शन में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी से पहले एक नोटिस भेजना चाहिए।
ICICI bank-Videocon loan fraud case | Bombay High Court allows release of former ICICI CEO Chanda Kochhar and Deepak Kochhar from judicial custody after CBI arrest.
"Arrest not in accordance with the law," the Court observes. pic.twitter.com/t7luYN5Fsr
— ANI (@ANI) January 9, 2023
कोचर दंपति के वकील रोहन दक्षिणी ने बताया कि कोर्ट ने उन्हें इस आधार पर जमानत दी है कि गिरफ्तारी अवैध थी. धारा 41ए के तहत जारी नोटिस के अनुपालन में सीबीआई के सामने चंदा और दीपक पेश हुए थे। इसके तहत, अगर कोई शख्स पेश होता है तो उसे तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जब तक ये नहीं पाया जाए कि वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।
None of the circumstances were alleged or demonstrated by CBI and hence bail was granted to them: Rohan Dakshini, lawyer of former ICICI CEO Chanda Kochhar and Deepak Kochhar
— ANI (@ANI) January 9, 2023
Court granted bail to them on the basis that the arrest was illegal as they had appeared before CBI in compliance with notice issued under Sec 41 A. Under it, if the person appears there can't be arrest unless its found they are tampering with evidence: Counsel of Kochhar couple pic.twitter.com/K8pkKdbmyY
— ANI (@ANI) January 9, 2023
इससे पहले बीते हफ्ते शुक्रवार के दिन जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वी राज चव्हाण की बेंच ने कुचल दंपति की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। CBI ने चंदा और दीपक दोनों को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को धूत को 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया। तीनों को 10 जनवरी तक 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया था। CBI का आरोप था कि कोचर दंपति जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। जिसके बाद पति-पत्नी को गिरफ्तार किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद 26 दिसंबर को वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया गया था।
कोचर दंपति की इस बार हुई गिरफ्तारी से लेकर जमानत मिलने तक कब क्या हुआ?
– 23 दिसंबर को लोन फ्रॉड केस में चंदा और दीपक कोचर की गिराफ्तारी हुई।
– 24 दिसंबर को स्पेशल कोर्ट ने दोनों को 26 तारीख तक CBI कस्टडी में भेजा।
– 26 दिंसबर को CBI ने वीडियोकॉन फाउंडर वेणुगोपाल धूत को अरेस्ट किया।
– तीनों आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने 28 दिसंबर तक CBI की कस्टडी में भेजा।
– 28 दिसंबर को तीनों आरोपियों की CBI कस्टडी एक दिन के लिए बढ़ाई गई।
– 29 दिसंबर को आरोपियों को 10 जनवरी तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा।
– 9 जनवरी को बॉम्बे HC ने कहा, कोचर की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं थी।
बता दें कि ये मामला मार्च 2018 में सामने आया था। उस समय एक व्यक्ति ने बैंक के टॉप मैनेजमेंट में एक शिकायत दर्ज की थी जिसमें चंदा कोचर का नाम शामिल था। चंदा पर यह आरोप लगाया गया था कि बैंक ने जानबूझकर साल 2008 और 2016 के बीच कई लोन अकाउंट्स के नुकसान पर ध्यान नहीं दिया, जिससे प्रोविजनिंग कॉस्ट बचे। इसके बाद कई एजेंसियों ने जांच शुरू की और चंदा कोचर के परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ हुई। उसी महीने बैंक ने चंदा कोचर का बचाव किया और कहा था कि उनमें बैंक को पूरा विश्वास है।