कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में एनकाउंटर के दौरान मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटना के वक्त वो 17 साल की थी। ट्रायल शुरू हो चुका है। लिहाजा हिरासत में रखने का औचित्य नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शर्तो के साथ जमानत दी है। खुशी दुबे को हफ्ते में एक दिन पुलिस स्टेशन में हाजरी लगानी होगी।
Supreme Court grants regular bail to Khushi Dubey, widow of Amar Dubey, an aide and relative of the slain gangster Vikas Dubey.
Khushi Dubey challenged the Allahabad High Court order denying her bail in the case in which 8 police officers were killed in UP's Kanpur.
— ANI (@ANI) January 4, 2023
दरअसल इस मामले में यूपी सरकार ने जमानत अर्जी का विरोध किया था और कहा था कि जमानत मिलने पर वो गैंग का पुर्नगठन कर सकती है। यूपी सरकार की तरफ से कहा गया था कि जेल रिपोर्ट के मुताबिक, इसका व्यवहार ठीक नहीं था और खुशी दुबे ने दूसरे कैदियों के साथ कई बार झगड़े किए थे। यूपी सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि खुशी दुबे उसी गैंग का हिस्सा है। अगर जमानत दी गई तो ये गैंग फिर से एक्टिव हो सकता है। सरकार ने कहा था कि खुशी पर पुलिस पर फायरिंग के लिए उकसाने का गंभीर आरोप है।
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद खुशी की जेल से रिहाई होगी। इसमें एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा- खुशी दुबे की जमानत ‘भाजपा के अन्याय और नारी उत्पीड़न के दुष्प्रयासों की करारी हार है। भाजपा याद रखे अंततः जीत न्याय की ही होती है; अहंकार की नहीं’।
खुशी दुबे की जमानत ‘भाजपा के अन्याय और नारी उत्पीड़न’ के दुष्प्रयासों की करारी हार है।
भाजपा याद रखे अंततः जीत न्याय की ही होती है; अहंकार की नहीं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 4, 2023
ख़ुशी की मां ने कहा- मेरी बेटी बेकसूर थी, उसे न्याय मिला-
बेटी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर मां गायत्री तिवारी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। बेटी को देर से ही सही न्याय मिला है। एक न एक दिन अदालत खुशी को मामलों में दोषमुक्त भी करेगी।
मालूम हो कि 29 जून 2020 को खुशी दुबे ने अमर दुबे से शादी की थी। शादी के तीन दिन बाद ही बिकरू कांड को अंजाम दिया गया। 2 जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में गैंगेस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे का भतीजा और राइट हैंड कहा जाने वाला अमर दुबे घटना के बाद फरार हो गया था। यूपी पुलिस ने इस कांड में खुशी को भी आरोपी बनाया था, क्योंकि पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज किया था। इस दौरान पता चला कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी उस समय नाबालिग थी।
8 जुलाई 2020 को हुआ था अमर दुबे का एनकाउंटर-
8 जुलाई 2020 को यूपी के हमीरपुर जिले में यूपी STF और स्थानीय पुलिस ने मुठभेड़ में अमर दुबे को मार गिराया था। अमर दुबे 25 हजार का इनामी था। विकास दुबे के हथियार खरीद-फरोख्त में उसकी भूमिका थी।