आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो हैरान करने वाला है। यहां कोरोना के डर से एक मां और उनकी बेटी पिछले ढाई साल से अपने घर के एक छोटे से कमरे में बंद थी। ये दोनों कोरोना के दौरान लोगों की हो रही मौतों को देखकर डर गयीं थी। पिछले ढाई सालों में इन्होंने न किसी से मुलाकात की और न ही दिन का वक़्त देखा। ये लोग अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकले। ये मामला काकीनाडा जिले के काजलुरु मंडल के कुइयेरू गांव का है। यहां एक 44 वर्षीय महिला और उनकी 21 वर्षीय बेटी ने कोरोना संक्रमण के डर से अपने आप को घर के एक छोटे से कमरे में कैद किया हुआ था।
#COVIDFear: Mother and her daughter lock themselves up in a room for three years due to #COVID fear. The duo were rescued and shifted to #Kakinada GGH. Doctors say the duo suffer from anxiety disorder. pic.twitter.com/c564k1BKjr
— Azmath Jaffery (@JafferyAzmath) December 22, 2022
इन दोनों मां-बेटी ने बीते ढाई साल में ना ही किसी बाहरी व्यक्ति से मुलाकात की और ना ही सूर्य की रोशनी देखी। इस महिला के पति ने बताया कि ऐसा कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में मास्क पहनने और घर के अंदर रहने के के साथ शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि कोविड से हुई मौतों के बारे में सुनकर दोनों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था।
इस महिला ने इन बीते सालों में अपने पति से भी मिलने से मना कर दिया था। महिला के पति बाहर से राशन, सब्जी और घर की आवश्यकता वाली वस्तुएं लाते थे और ये दोनों लोग कमरे के अंदर ही बनाकर खाते थे और वहीं रहते थे। दोनों मां-बेटी रात को जब मोहल्ले के लोग सो जाते थे तब स्नान करते थे।
एक लंबे वक़्त गुजर जाने के बाद जब इसके बारे में आसपास के लोगों को पता चला तो उन्होंने पुलिस और मीडिया तक यह खबर पहुंचाई। उसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी महिला के घर पर पहुंचे और कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर गए। कमरे का दरवाजा खुलते ही हर कोई उस जगह की हालत देखकर हैरान हो गया। उस कमरे में सब कुछ अस्त-व्यस्त था और दोनों मां-बेटी एक कंबल में छिपे हुए थे। उसके बाद कई घंटों तक दोनों मां-बेटी को साझाया गया और उन्हें कमरे से बाहर आने के लिए राजी किया गया। इसके बाद दोनों मां-बेटी को काकीनाडा के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स ने दोनों लोगों की मानसिक और शारीरिक स्थिति की जांच की है। डॉक्टर्स का कहना है कि दोनों ही लोग शारीरिक रूप से तो ठीक हैं लेकिन मानसिक स्थिति को समझने के लिए अभी दोनों ही लोगों को एक मनोचिकित्सक की निगरानी में रखा गया है।