गोवा में चल रहे 53वें ‘इंडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ का सोमवार यानी 28 नवंबर को समापन हो गया। इस समापन समारोह के दिन मंच से IFFI के ज्यूरी प्रमुख और इजराइली फिल्ममेकर नादव लापिड ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये फिल्म प्रोपेगेंडा बेस्ड है और वल्गर है। ज्यूरी प्रमुख नादव लापिड ने जब मंच से ये बातें कही की तब इस कार्यक्रम में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर समेत बड़े-बड़े फिल्म स्टार्स मौजूद थे।
https://www.youtube.com/watch?v=1Gff34XbbM0
नादव लापिड ने मंच से कहा, “‘फिल्म द कश्मीर फाइल्स’ देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। हमें यह फिल्म एक प्रोपेगेंडा बेस्ड और वल्गर लगा, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ इस असंतोष को खुले तौर पर साझा कर सकता हूं क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं। इस कार्यक्रम की सिनेमाई समृद्धि, इसकी विविधता और इसकी जटिलता के लिए मैं समारोह के प्रमुख और प्रोग्रामिंग के निदेशक को धन्यवाद देना चाहता हूं। हमने डेब्यू कॉम्पटीशन में सात फिल्में देखीं और अंतरराष्ट्रीय कॉम्पटीशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्मों में सिनेमाई विशेषताएं थीं। 15वीं फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने हमें परेशान और हैरान किया है’।
#Breaking: #IFFI Jury says they were “disturbed and shocked” to see #NationalFilmAward winning #KashmirFiles, “a propoganda, vulgar movie” in the competition section of a prestigious festival— organised by the Govt of India.
🎤 Over to @vivekagnihotri sir…
@nadavlapi pic.twitter.com/ove4xO8Ftr— Navdeep Yadav 🇮🇳 (navdeep.bsky.social) (@navdeepyadav321) November 28, 2022
मालूम हो कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को इंडियन पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया था और 22 नवंबर को इसे IFFI में प्रदर्शित किया गया था। विशेष स्क्रीनिंग में अनुपम खेर ने भी भाग लिया था जिन्होंने इस फिल्म में अभिनय भी किया है। विशेष स्क्रीनिंग में अनुपम खेर ने भी भाग लिया था जिन्होंने इस फिल्म में अभिनय भी किया है। भारतीय पैनोरमा ‘इंडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसके तहत भारतीय फिल्मों के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसी फिल्में दिखाई जाती हैं, जो सिनेमाई स्तर पर उत्कृष्ट होती हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस कार्यक्रम का आयोजन करता है।
‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना से नाराज अनुपम खेर ने ट्वीट कर लिखा, ”झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो। सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है।”
https://twitter.com/AnupamPKher/status/1597293128767385602?s=20&t=JjgSjnK2DpQKqqRbRJEljg
नादव लापिड के इस वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्मकार अशोक पंडित ने ट्वीट कर कहा कि, ‘नादव लापिड द्वारा फिल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ के लिए इस्तेमाल की गई भाषा की मैं आलोचना करता हूं। 3 लाख से भी ज्यादा कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को चित्रित करने को वल्गर नहीं कहा जा सकता। मैं एक फिल्म निर्माता और एक कश्मीरी पंडित होने के नाते आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति इस बेशर्मी के कृत्य की निंदा करता हूं’।
https://twitter.com/ashokepandit/status/1597277011680329729?s=20&t=0gmEtfwC6mtjhZlpkOtOjQ
अपने दुसरे ट्वीट में पंडित ने लिखा, ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से नादव लापिड को IFFI जूरी का हेड बनाना ही सबसे बड़ी चूक थी। इसलिए मिनिस्ट्री में जो इस गुनाह के जिम्मेदार हैं, उनपर एक्शन होना चाहिए। फिलिस्तीन के हमदर्द से कोई क्या उम्मीद कर सकता है’?
https://twitter.com/ashokepandit/status/1597287869722546176?s=20&t=tMkavZLLSMPpfGoWC749Xw
अशोक पंडित ने तीसरे ट्वीट में लिखा, ”इजरायली फिल्ममेकर लापिड ने द कश्मीर फाइल्स को वल्गर फिल्म बोलकर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जंग का मजाक उड़ाया है। उन्होंने बीजेपी सरकार में 7 लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है। ये IFFI इवेंट की क्रेडिबिलिटी पर बड़ा सवाल पैदा करता है। शर्मनाक।”
https://twitter.com/ashokepandit/status/1597296709490860032?s=20&t=kH5GDyv40LR0uzU6Wpkd6g
तो वहीं, लापिड के बयान को लेकर पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने कहा कि इस फिल्म को नफरत फैलाने के इरादे से बनाया गया था।
बता दें कि विवेक अग्निहोत्री द्वारा बनाई गई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी लीड रोल में नजर आए थे। यह फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों की ‘सच्ची कहानी’ बताने का दावा करती है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस से 340 करोड़ रुपयों का कलेक्शन किया था। फिल्म में दिखाई गई घटनाओं को लेकर पहले भी सवाल उठे थे। लोगों ने फिल्म में दिखाए गई कुछ घटनाओं को गैर तत्थ्यात्मक बताया था। इस फिल्म पर सिंगापुर में रोक लगा दी गई थी। सिंगापुर सरकार ने कहा था कि फिल्म में मुस्लिमों के भावनाओं को आहत किया गया है।