दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की उत्तराखंड की रहने वाली लड़की से गैंगरेप और हत्या के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। मामले में सुनवाई करते हुए 7 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की मौत की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था।
2012 Chhawla rape case: Supreme Court acquits three men who were awarded the death penalty by a Delhi court after being held guilty of raping and killing a 19-year-old woman in Delhi's Chhawla area in 2012 pic.twitter.com/CsbjUhROn3
— ANI (@ANI) November 7, 2022
ये घटना साल 2012 की है। युवती के साथ बलात्कार और हत्या करने के दोषी पाए जाने के बाद तीनों दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। फरवरी 2014 में दिल्ली की एक निचली अदालत ने इस मामले में तीनों दोषियों रवि कुमार, राहुल और विनोद को फांसी की सजा सुनाई थी। आरोपियों ने इस सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद 26 अगस्त 2014 को निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा को बरकरार रखते हुए कहा था कि वे ‘शिकारी’ थे जो सड़कों पर घूम रहे थे और ‘शिकार की तलाश में थे’। इसके बाद दोषियों की तरफ से सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। और अब बेहद क्रूरता से हत्या कर देने वाले 3 दोषियों की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा है।
क्या था पूरा मामला?
उत्तराखंड के पौड़ी जिले की रहने वाली 19 साल की एक लड़की के साथ आरोपियों ने आरोपियों ने पहले गैंगरेप किया और फिर उसकी आंखों में तेजाब डालकर उसे मार दिया था। इस घटना को 14 फरवरी 2012 को अंजाम दिया गया था। घटना उस वोट हुई जब युवती घर देर शाम अपने घर जा रही थी और तभी रवि कुमार, राहुल और विनोद नाम के तीन युवकों ने उसका अपहरण कर लिया। लड़की के परिजनों ने कई दिनों तक उसकी तलाश की लेकिन कोई सुराग ना मिल पाने की वजह से फिर पुलिस में मामला दर्ज कराया। बाद में पुलिस को छानबीन में पता चला कि कुछ लोग लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते देखे गए। तीनों आरोपियों ने युवती के साथ गैंगरेप किया और उसके शरीर को सिगरेट से जलाया फिर उसके दोनों आखों में तेजाब डालकर उसकी हत्या कर दी।