केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार दोपहर श्रीनगर पहुंचे। सिंह आज से जम्मू कश्मीर व लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं। रक्षा मंत्री के इस दौरे में उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी हैं।
श्रीनगर पहुँचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे पहले बडगाम में इंडियन आर्मी द्वारा आयोजित ‘शौर्य दिवस’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे। भारतीय वायु सेना के 1947 में आज ही के दिन श्रीनगर पहुंचने की याद में ‘शौर्य दिवस’ का आयोजन किया गया।
जम्मू-कश्मीर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बडगाम में भारतीय सेना द्वारा आयोजित 'शौर्य दिवस' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मौजूद रहे। pic.twitter.com/vbHzphcR52
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 27, 2022
‘शौर्य दिवस’ कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज भारत की जो एक विशाल इमारत हमें दिखाई दे रही है, वह हमारे वीर योद्धाओं के बलिदान की नींव पर ही टिकी हुई है। भारत नाम का यह विशाल वटवृक्ष, उन्हीं वीर जवानों के खून और पसीने से अभिसिंचित है। आज का यह शौर्य दिवस, उन वीर सेनानियों की कुर्बानियों और बलिदान को ही याद करने का दिवस है। आज का यह दिवस, उनके त्याग और समर्पण को हृदय से नमन करने का दिवस है।
उन्होंने कहा, 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ विलय होते ही अगले दिन यानी 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना कश्मीर पहुंची। सेना का यह अभियान हमारी क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के साथ-साथ,हमारे लोगों की सुरक्षा का भी अभियान था। यह आजाद भारत को लेकर, यहां के लोगों के सपनों, आशाओं और आकांक्षाओं को सुरक्षित करने का अभियान था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने यहाँ के हमारे भाइयों-बहनों के सहयोग से ऐतिहासिक काम किया, जिसकी जितनी भी सराहना की जाए, वो कम है।
सिंह ने आगे कहा, कि ‘हमने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विकास की यात्रा अभी शुरू की है। जब हम गिलगित और बाल्टिस्तान तक पहुंच जाएंगे तो हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा- पीओके में हो रहे अत्याचार को लेकर पाकिस्तान को अंजाम भुगतना पड़ेगा-
हमारे पडोसी देश द्वारा POK में लोगों पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को ‘‘इसका नतीजा भुगतना” पड़ेगा। राजनाथ सिंह ने साफ़ शब्दों में कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, इन लोगों का उद्देश्य सिर्फ भारत को निशाना बनाना है।
राजनाथ सिंह ने अनुच्छेद 370 को लेकर ये कहा-
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र के फैसले से जम्मू कश्मीर में लोगों के खिलाफ भेदभाव खत्म हो गया।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में बंटवारे का भी जिक्र किया-
भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री ने कहा, 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन की पटकथा लिखी गई। इस कथा की रक्तिम स्याही सूखी भी न थी, कि पाकिस्तान द्वारा विश्वासघात की एक नई पटकथा लिखी जानी लगी थी। विभाजन के कुछ ही दिनों के अंदर पाकिस्तान का जो चरित्र हम सबके सामने आया, उसकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी।
राजनाथ सिंह का अगला कार्यक्रम लेह-लद्दाख में हैं। रक्षामंत्री लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करेंगे। अग्रिम मोर्चे पर जाकर ऑपरेशनल तैयारियों का भी जायजा लेंगे और साथ ही सर्दी के मौसम में जवानों की सुरक्षा को लेकर किए गए उपायों का निरीक्षण करेंगे।
राजनाथ सिंह 28 अक्तूबर को गलवां घाटी के शियोक पुल से 75 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इन्हें बीआरओ ने तैयार किया गया है। इनमें जम्मू संभाग की 17 परियोजनाएं और कठुआ की सात परियोजनाएं भी शामिल हैं। रक्षा मंत्री कठुआ में 121 मीटर लंबे पुल का लोकार्पण करेंगे जिससे पंजाब आने-जाने का दूरी करीब 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।