दोस्तों तीन दिन पूर्व जब मैं चंडीगढ़ में था तो देश के शहरों के साफ सफाई का जिक्र करते हुए चंडीगढ़ इंदौर की चर्चा करते हुए रैंकिंग में ग्वालियर को आगे बताया था। पर शनिवार यानी आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में इंदौर को सबसे सबसे स्वच्छ शहर व मध्य प्रदेश को सबसे स्वच्छ राज्य चुने जाने की घोषणा की है।
पोहाराजा के नाम से प्रसिद्ध इंदौर को सफाई में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर छठीं बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में 7 स्टार भी मिला है। पिछले साल इंदौर ने सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज का अवार्ड भी जीता था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर की जनता को बधाई देते हुए और इंदौर को स्वच्छता की नजीर मानते हुए इसे देश के अन्य शहरों को रोल मॉडल के रूप में अपनाने की सलाह दी है।
सर्वश्रेष्ठ स्वच्छता पुरस्कार राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों इंदौर के सांसद संकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम के कमिश्नर प्रतिभा पाल ने ग्रहण किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कौशल किशोर भी उपस्थित थे। इधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए मध्यप्रदेश की पूरी टीम और इंदौर वासियों को बधाई दी है।
बधाइयां! शुभकामनाएं! अभिनंदन!
गर्व है मुझे स्वच्छता के शिखर पर सुशोभित इंदौर पर,
गर्व है मुझे इंदौर की जनता पर।स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त करने पर देवतुल्य जनता, समस्त जनप्रतिनिधियों एवं टीम एमपी के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई। https://t.co/RVo6iGpbfL
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) October 1, 2022
इस कार्यक्रम के प्रसारण के लिए इंदौर के कई इलाकों में एलइडी स्क्रीन लगाई गई थी। जिस पर लाइव कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण के पुरस्कार समारोह में इंदौर के छठीं बार भी स्वच्छता में नंबर 1 का खिताब हासिल करते ही इंदौर में खुशी का माहौल हो गया।
इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार यूं नहीं मिल गया है। इसमें विभिन्न प्रक्रियाएं अपनायी गई और मापदंड रखे गये थे। जिसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 40 प्रतिशत यानी 3000 अंक, सिटीजन वाइस पर 30 प्रतिशत यानी 2250 अंक सर्टिफिकेशन के लिए 30 प्रतिशत यानी 2250 अंक रखे गये थे।
सर्विस लेवल प्रोग्रेस के तहत देखा गया कि शहर में डिजिटल ट्रेकिंग सिस्टम लागू किया या नहीं। इसमें सफाई संबंधित व्यवस्था, स्वच्छता ऐप और सफाई मित्र सुरक्षा को भी जोड़ा गया है। इसके अलावा कचरा लिफ्टिंग की जानकारी को देखा गया, जबकि सिटीजन वाइस में आपदा, महामारी व अन्य विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए किए इंतजामों की समीक्षा, सीनियर सिटीजन की रायशुमारी शामिल थी। जिसमें इनमें इंदौर सबसे बेहतर रहा। और इसकी वजह से सर्टिफिकेशन में इंदौर शहर ने देश के सभी शहरों ज्यादा अंक स्कोर हासिल किए।
राज्यों में स्वच्छता के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मध्य प्रदेश को पहले स्थान पर चुना गया है। मध्यप्रदेश ने नंबर वन का यह खिताब राजस्थान और महाराष्ट्र को पछाड़ते हुए जीता है। देश के सबसे स्वच्छ राज्य की लिस्ट में मध्यप्रदेश का नाम पहली बार शामिल हुआ है। इस साल सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के बाद अब मप्र देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनने जा रहा है। अवार्ड लेने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल दिल्ली जाएंगे। बताते चलें मार्च 2022 में इंदौर को राष्ट्रीय जल पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इंदौर के सांसद संकर लालवानी और वहां के कलेक्टर को दिया था।
अन्य शहरों की स्थिति-
केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठीं बार जबकि सूरत और नवी मुंबई को दूसरा तथा तीसरा स्थान हासिल किया। शनिवार को सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, जबकि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला।
सर्वेक्षण के परिणामों में 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ रहा। एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार गंगा के किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश रहे।
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले गंगा के किनारे बसे शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर रहा। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर का स्थान रहा। सर्वेक्षण में महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक देने के लिए आयोजित किया गया था।
पिछले साल देशभर के साथ ही मध्यप्रदेश के शहरों की भी रैंटिंग जारी हुई थी। जिसमें इंदौर पहले, भोपाल 7वें, ग्वालियर 15वें और जबलपुर 20वें स्थान पर आया था।
एक कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए स्वच्छ भारत मिशन के संचालक गौरव बेनल ने कहा था कि यह तय है कि मध्यप्रदेश को अवाॅर्ड मिलेगा, लेकिन किस कैटेगरी में ये 01 अक्टूबर को ही पता चलेगा। उनकी जताई संभावना सच निकली।
चलते चलते-
इंदौरवासी स्वच्छता के प्रति इतने जागरूक है कि एक बच्चा भी टॉफी का रैपर फेंकने के लिए डस्टबिन ढूंढता है। अगर किसी ने भूलवश सड़क पर कचरा डाला तो दूसरे ऐसा करने के लिए मना करते हुए उसे टोक देते हैं। इंदौर की जनता और प्रशासन ने शहर की स्वच्छता के लिए एक साथ काम किया है, जिसकी वजह से साफ सफाई में इंदौर देश का सिरमौर बन गया है।