वाराणसी: शहर के शिक्षा और भू माफिया के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और समाजसेवी डॉ शशिकांत सिंह के बेटे विभूति भूषण सिंह की 10 फरवरी को वाराणसी के पुलिस लाइन में गाड़ी से टक्कर मार कर हत्या कर दी गई थी। इसकी तहरीर कैन्ट थाना में हत्या के गंभीर धाराओं में दर्ज हुई। लेकिन हत्यारोपी के दबाव में पुलिस ने इस मामलें में लीपापोती करनी शुरू की घटना के फौरन बाद और हत्या के कारणों पर ठीक से जांच किये बिना उल्टा परिजनों को ही दबाव बनाना शुरू किया।
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इस घटना की जानकारी लोगों की नजर में आने के बाद के हरिशचंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघ के उपाध्यक्ष और सकलडीहा डेमोक्रेटिक बार के एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र पांडे (एडवोकेट) ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए हैं, युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेंद्र पांडे ने कहा कि बहुत सारे मामले की पैरवी तथा भू माफियाओं के खिलाफ लगातार न्यायालय में मुकदमा लड़ रहे विभूति भूषण सिंह की हत्या एक षड्यंत्र का हिस्सा है, और उनकी मौत को एक्सीडेंट का नाम देकर के पुलिस लीपापोती कर रही है। वाराणसी पुलिस के द्वारा इस मामले की सही ढंग से ना करने और लीपापोती के कारण युवा संघर्ष मोर्चा तथा हरिश्चंद्र महाविद्यालय के सभी छात्र तथा पूर्वांचल का हर नौजवान इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी से कराना चाहते हैं।
शैलेंद्र पांडे ने कहा कि इसके विषय में कई पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय तथा प्रभारी मंत्री को दिए जा चुके हैं, और आदेश के बावजूद भी वाराणसी पुलिस हीला हवाली कर रही है अगर जल्द ही इस मामले की जल्दी से जांच नहीं हुई तो पूर्वांचल भर के छात्र नौजवान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।