भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए आज का दिन मनहूस साबित हुआ, प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का ह्रदय गति रुकने से आज मुम्बई में 84 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। लंबे समय से किडनी संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थें। उनका अंतिम संस्कार मुम्बई में आज किया जायेगा।
कुछ समय से उन्हें यद- कदा ही सार्वजनिक जगहों पर देखा गया। कोविड के कारण दो वर्षों से पंडित शिवकुमार ने खुद को घर के अंदर ही समेट रखा था। इवेंट में भी उनकी उपस्थिति ना के बराबर रह गई थीं।
शिवकुमार शर्मा पिछले छह महीने से किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। उनका डायलिसिस भी चल रहा था।
जम्मू में जन्में पंडित शिवकुमार शर्मा ने तेरह साल की उम्र में संतूर सीखना शुरू कर दिया था। उनका पहला सार्वजनिक प्रदर्शन 1955 में मुंबई में हुआ था। उन्हें संतूर को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।
इसके अलावा, पंडित शिवकुमार शर्मा ने 1956 की फिल्म झनक झनक पायल बाजे के एक दृश्य के लिए पृष्ठभूमि संगीत की रचना की। चार साल बाद, पंडित शिवकुमार शर्मा ने अपना पहला एकल एल्बम रिकॉर्ड किया।
पंडित शिवकुमार शर्मा ने 1967 में बांसुरीवादक हरिप्रसाद चौरसिया और गिटारवादक बृज भूषण काबरा के साथ संयुक्त प्रस्तुति भी दी। शिव और हरी के नाम से इन की जोड़ी ने यश चोपड़ा के निर्देशन में सिलसिला, चांदनी, और डर में अपने संगीत से लोगों को अपना मुरीद बना लिया।
पंडित शिवकुमार शर्मा को 1991 में प्रतिष्ठित पद्मश्री और 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन पर बॉलीवुड समेत राहुल गांधी ने भी शोक जताया है। राहुल ने ट्वीट के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि दी
Sad to hear about the passing of Padma Vibhushan Pt. Shiv Kumar Sharma. In him, music has lost a maestro who helped popularise the Santoor world over.
My heartfelt condolences to his family and legion of admirers. pic.twitter.com/qWkxtIWyA8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 10, 2022