प्रयागराज: सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान हो चुका है। योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से लड़ने की घोषणा के बाद से यहां का चुनाव बहुत दिलचस्प हो गया है। वैसे गोरखपुर में मुख्यमंत्री को किसी दल के लिए चुनौती देना आसान नहीं है। वहीं कोई भी दल इस चुनाव को आसानी से छोड़ना नहीं चाहता है। इस लिए तमाम दांव पेंच भी चले जा रहे हैं। गोरखपुर से योगी के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस सीट उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि सपा किसी बड़े दांव की फिराक में है।
एक खबर ये भी आयी है कि सपा गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर में भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे उपेन्द्र शुक्ल की पत्नी को यहां से मैदान में उतार सकती हैं। उपेन्द्र शुक्ल का 2020 में निधन हो गया था। गुरुवार को उनकी पत्नी शुभावती शुक्ला, पुत्र अरविंद दत्त शुक्ला और अमित दत्त शुक्ला ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन कर ली। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2018 में गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारा था। तब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रहे प्रवीण निषाद (निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र और वर्तमान में संतकबीरनगर से भाजपा के सांसद) ने उन्हें हरा दिया था। 2019 में भाजपा ने उपेन्द्र शुक्ल की जगह भोजपुरी फिल्म स्टार रविकिशन शुक्ल को मैदान में उतारा था।
रविकिशन शुक्ल उस चुनाव में विजयी रहे। 2020 में उपेन्द्र शुक्ल का निधन हो गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी पहली सूची में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर सीट से लड़ने का ऐलान किया है। यह सीट परम्परागत रूप से बीजेपी और गोरखनाथ मंदिर का गढ़ रही है। इस सीट पर पिछले 33 वर्षों से भगवा का कब्जा है। सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से ही 1998 से 2017 तक सांसद रहे हैं। वह सबसे पहले 1998 में यहां से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़े थे। उस चुनाव में उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया। वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए। यहीं इन्होंने अप्रैल 2002 में उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनाई। 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने गोरखपुर सदर संसदीय सीट छोड़ी। वह विधानपरिषद के लिए चुने गए। 2022 में वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।उधर सपा से गठबंधन की कोशिशें नाकाम होने के बाद गुरुवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने गोरखपुर से सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।अब सपा पर भी अपना उम्मीदवार जल्द घोषित करने का दबाव है।